आंदोलन का एक वर्ष होने पर गाजीपुर बार्डर पहुंचे किसान

शामली जागरण टीम। किसान आंदोलन को एक वर्ष पूरा होने पर जिले से काफी किसान गाजीपुर बार्डर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:17 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:17 PM (IST)
आंदोलन का एक वर्ष होने पर गाजीपुर बार्डर पहुंचे किसान
आंदोलन का एक वर्ष होने पर गाजीपुर बार्डर पहुंचे किसान

शामली, जागरण टीम। किसान आंदोलन को एक वर्ष पूरा होने पर जिले से काफी किसान गाजीपुर बार्डर पर पहुंचे और महापंचायत में हिस्सा लिया। पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट रहा और अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे। हालांकि किसान एक साथ रवाना नहीं हुए। बल्कि अपने-अपने वाहनों से अलग-अलग ही गए।

गत 26 नवंबर को दिल्ली बार्डर पर किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी, एमएसपी की गारंटी आदि मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया था। गत 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था, लेकिन किसान संगठन एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखे हुए है। जिले के किसानों की पूरी भागीदारी आंदोलन में रही है। लगातार किसानों का गाजीपुर बार्डर पर आना-जाना रहता है। खाद्य सामग्री लेकर भी किसान जाते हैं। शुक्रवार को आंदोलन को पूरा एक साल हो गया है। गाजीपुर बार्डर पर महापंचायत हुई, जिसमें हिस्सा लेने के लिए सुबह से ही किसानों का जाना शुरू हो गया था। ऐसे में खुफिया विभाग भी अलर्ट रहा।

भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि जिले से 500 से अधिक किसान गाजीपुर बार्डर पहुंचे। एमएसपी की गारंटी पर भी सरकार कानून बनाए। साथ ही शहीद किसानों के स्वजन को मुआवजा मिले और किसानों पर दर्ज मुकदमें भी वापस हों। अभी तो सरकार ने सिर्फ कानून वापस लेने की मांग ही मानी है। संयुक्त किसान मोर्चे का जो भी आह्वान होगा, उसमें जिले के किसान बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। दुर्भावना से टेंडर निरस्त करने का आरोप

शामली: सभासद निशी रानी ने नगर पालिका अध्यक्ष और अवर अभियंता (निर्माण) पर दुर्भावना रखने और नाली-सड़क निर्माण के टेंडर निरस्त करने का आरोप लगाया है। अधिशासी अधिकारी को इस संबंध में पत्र दिया है और वार्ड के अन्य कार्य के टेंडर भी निरस्त करने के लिए कहा है।

वार्ड-23 की सभासद निशी रानी का कहना है कि 14 वें वित्त और 15 वें वित्त में नाली व सड़क निर्माण के सात प्रस्ताव दिए थे। उक्त के टेंडर भी हो गए थे, लेकिन दुर्भावना रखते हुए कितने ही टेंडर निरस्त कर दिए हैं, जबकि एक सड़क की हालत बेहद खराब है। क्योंकि करीब एक वर्ष पूर्व पाइप लाइन डाली गई थी और तब से सड़क टूटी पड़ी है। अगर इसी तरह वार्ड की जनता के साथ भेदभाव करना है तो अन्य कार्यो के टेंडर भी निरस्त कर दिए जाएं।

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