तीनों कृषि कानून को रद करे सरकार, मुकदमे हों वापस

किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। किसानों ने तीनों कृषि बिलों को रद करने के साथ ही आंदोलनकारी किसानों से मुकदमों को वापस कराने की मांग उठाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:33 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:33 PM (IST)
तीनों कृषि कानून को रद करे सरकार, मुकदमे हों वापस
तीनों कृषि कानून को रद करे सरकार, मुकदमे हों वापस

शामली, जागरण टीम।

किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। किसानों ने तीनों कृषि बिलों को रद करने के साथ ही आंदोलनकारी किसानों से मुकदमों को वापस कराने की मांग उठाई। इसके साथ ही 60 साल पार चुके किसानों को पेंशन दिलाने पर जोर दिया। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम जसजीत कौर को सौंपा गया।

सोमवार को किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक के नेतृत्व में किसानों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मीडिया संस्थानों पर द्वेष पूर्ण कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। पिछले डेढ़ वर्षो से पूरा देश कोरोना महामारी को झेल रहा है। इस ही महामारी काल में केंद्र सरकार द्वारा बड़े उद्योगपतियों को ध्यान में रखते हुए पांच जून 2020 को तीन कृषि कानून लागू कर दिए गए। ये किसान हित में नहीं है। इसको लेकर किसान पिछले आठ माह से दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें अभी तक लगभग 600 किसान शहीद हो गए हैं।

इन तीनों कृषि कानूनों को रद कर भविष्य में किसानों के सुझावों से नए कानून लाए जाएं। आंदोलनकारी किसानों के मुकदमे वापस लिए जाए। उन्होंने मांग की, कि सभी फसलों की खरीदारी एमएसपी पर सुनिश्चित करें। भारत सरकार एमएसपी से कम खरीदने पर सजा का प्रावधान हो। वहीं, केसीसी का एक मुश्त संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए। गन्ना मूल्य भुगतान 14 दिनों में सरकारें सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिले के 20 गांव रमाला मिल में जुड़े हैं। उनकी बहुत समस्या है। इनका निराकरण कराना चाहिए। निराश्रित गोवंश से खेतों में भारी नुकसान हो रहा है। निराश्रित पशुओं को पकड़कर गोशाला में भेजा जाए।

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