धान की रौपाई में जुटे किसान, बारिश की जरूरत

शामली जेएनएन। बारिश का इंतजार करने के बाद किसानों ने खेतों में धान की रौपाई शुरू क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 06:46 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 06:46 PM (IST)
धान की रौपाई में जुटे किसान, बारिश की जरूरत
धान की रौपाई में जुटे किसान, बारिश की जरूरत

शामली, जेएनएन।

बारिश का इंतजार करने के बाद किसानों ने खेतों में धान की रौपाई शुरू कर दी है। तापमान अधिक होने के कारण फसल के झुलसने का खतरा है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि शाम या रात के वक्त हल्की सिचाई करते रहें। फसल में नमी को कम न होने दें।

मई माह के आखिर से लेकर जून माह तक धान की नर्सरी तैयार होती है। हालांकि किसानों को उम्मीद थी कि जून में मानसूनी बारिश शुरू होगी तब नर्सरी लगाएंगे, लेकिन बारिश काफी कम हुई है। तापमान अधिक ही बना हुआ है। ऐसे में अधिकांश किसानों ने नर्सरी देर से ही लगाई। बारिश की स्थिति अभी भी पहले जैसी है। नर्सरी लगाने के 16 से 25 दिन बाद रौपाई होती है। ऐसे में अब किसान रौपाई में जुटे हुए हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र शामली के वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि गर्मी काफी अधिक है। ऐसे में दिन में सिचाई न करें। क्योंकि धूप से पानी गर्म होगा, जिससे फसल को नुकसान रहेगा। शाम या रात के वक्त हल्की सिचाई करें। जरूरत के मुताबिक डीएपी, पोटाश का इस्तेमाल करें। बारिश नहीं हो रही तो कृत्रिम सिचाई करनी पड़ रही है। लेकिन बारिश से होने वाली सिचाई से फसल को अधिक लाभ होता है। वहीं, कुड़ाना गांव के किसान दीपक शर्मा, बिल्लू ने बताया कि बिजली की कोई खास दिक्कत नहीं है। लेकिन गर्मी अधिक होने से फसल में हल्का पीलापन आ रहा है। एक-दो अच्छी बारिश हो जाए तो भी परेशानी कुछ कम हो।

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उर्वरक पर्याप्त

जिला कृषि अधिकारी हरीशंकर ने बताया कि धान और गन्ने की फसल में यूरिया और डीएपी का अधिक इस्तेमाल होता है। फिलहाल उर्वरक पर्याप्त है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सहकारी समितियों व उर्वरकों की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जा रहा है।

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