गाजीपुर बार्डर का रुख कर रहे किसान

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को सात माह होने वाले हैं। पिछले काफी समय से जिले से किसान संगठनों के पदाधिकारी ही गाजीपुर बार्डर जा रहे थे लेकिन अब गांवों से किसानों का जाना भी शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:08 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:08 PM (IST)
गाजीपुर बार्डर का रुख कर रहे किसान
गाजीपुर बार्डर का रुख कर रहे किसान

शामली, जागरण टीम। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को सात माह होने वाले हैं। पिछले काफी समय से जिले से किसान संगठनों के पदाधिकारी ही गाजीपुर बार्डर जा रहे थे, लेकिन अब गांवों से किसानों का जाना भी शुरू हो गया है। बरसात शुरू होने पर किसान खेतों के काम से निपट जाएंगे तो आंदोलन की गति और बढ़ने की उम्मीद है।

कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 26 नवंबर से आंदोलन शुरू किया था। नवंबर से लेकर मार्च तक किसानों का गाजीपुर बार्डर पर आने-जाने का सिलसिला चलता रहा। कुछ किसान टीकरी और सिघु बार्डर पर भी पहुंचे थे। अप्रैल में पंचायत चुनाव शुरू हो गए थे और कोरोना संक्रमण भी बढ़ने लगा था। गेहूं कटाई के साथ गन्ना पेराई का सीजन भी चरम पर था। ऐसे में किसानों का जाना कम हो गया था। अब कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हो गई है और किसानों का भी खेतों का काम कुछ कम हुआ है। ऐसे में फिर से सक्रियता बढ़ने लगी है।

भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि जिले से किसान लगातार आंदोलन स्थल पर जा रहे हैं। कुछ दिन वहां रहते हैं और फिर वापस आ जाते हैं। गांवा नाला, बंतीखेड़ा, दरगाहपुर समेत कई गांवों से किसान गाजीपुर बार्डर खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे हैं। पिडौरा समेत कई गांवों से एक-दो में दिन ट्रैक्टर-ट्राली लेकर किसान जाएंगे। बताया कि भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर से 24 जून को ट्रैक्टर-ट्राली लेकर गाजीपुर कूच करने का आह्वान किया है। यह आह्वान मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले के लिए हैं। हालांकि शामली से भी किसान चाहें तो शामिल हो सकते हैं।

वहीं किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद से स्वास्थ्य ठीक नहीं है। जल्द ही स्वस्थ होकर आंदोलन को गति दी जाएगी। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर सभी कार्यक्रमों में पूरी भागीदारी हो रही है। अभी किसान धान और गन्ने की फसल में भी लगे हुए हैं। किसान नेता अनिल मलिक ने बताया कि सरकार को किसानों से कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में किसानों का गुस्सा बढ़ रहा है। गन्ना भुगतान की स्थिति भी बेहद खराब है।

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