साइकिल की सवारी से सुधारी सेहत,बचाई लक्ष्मी
शामलीजेएनएन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आधुनिकता की दौड़ में अब साइकिल का सहारा बनी है। वक्त के साथ ही लोगों की सोच भी बदली है। शहर की खूबसूरत सड़कों पर फिर से साइकिल लवर्स के काफिले बढ़ने लगे हैं। शहर में रहने वाले लोग ही नहीं पुलिसकर्मियों में भी अब साइकिल के प्रति प्रेम बढ़ रहा है।
शामली,जेएनएन : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आधुनिकता की दौड़ में अब साइकिल का सहारा बनी है। वक्त के साथ ही लोगों की सोच भी बदली है। शहर की खूबसूरत सड़कों पर फिर से साइकिल लवर्स के काफिले बढ़ने लगे हैं। शहर में रहने वाले लोग ही नहीं, पुलिसकर्मियों में भी अब साइकिल के प्रति प्रेम बढ़ रहा है। शामली ट्रैफिक पुलिस के सिपाही ने रोजाना करीब 16 किलोमीटर साइकिल चलाकर तीन माह में अपने शरीर का 16 किलो वजन घटाया है। साथ ही उन्हें शुगर की बीमारी में भी राहत मिली है।
देश में फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते चौतरफा हा-हाकार मचा है। इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर करने के साथ ही योग, दौड़ और कसरत की जा रही है। ऐसे में अब अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अब शामली के ट्रैफिक पुलिस के कुछ जवानों ने फिट रहने के लिए साइकिल का सहारा लिया है। साइकिल सवार पुलिसकर्मी सुबह के समय अपने घर से अब बाइक पर नहीं बल्कि साइकिल पर निकलने लगे हैं। चूंकि ट्रैफिक पुलिस में होने के कारण शहर में घूम-घूमकर नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों की साइकिल में दस्तावेज रखने के लिए बैग और पुलिस का डंडा रखने के लिए भी जगह है। 16 किलोमीटर चलाते है रोजाना साइकिल
ट्रैफिक पुलिस के सिपाही वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि वह रोजाना 16 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। उन्हें किसी काम से यदि कैराना, झिझाना और बाजार में किसी काम से जाना हो तब भी वह साइकिल से ही जाते हैं। विरेंद्र कुमार ने कहा कि यह बिल्कुल सच है कि साइकिल ने सही मायनों में जिदगी बदल दी है। कुछ साल पहले शुगर की शिकायत हुई,लेकिन डॉक्टरों की दवाई से शुगर ठीक नही हुआ था। अब मैं पिछले तीन माह से साइकिल चला रहा हूं। साइकिलिंग की शुरुआत करते ही मेरी सेहत और सोच दोनों बदल गए। हर रोज 15 से 16 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं। पिछले तीन माह से साइकिल चलाने के कारण ही मेरी शुगर की बीमारी भी ठीक हो गई है। साथ ही मेरा 16 किलो वजन साइकिल चलाने से कम हुआ है।