कहीं सेहत न बिगाड़ दे मिलावट का खेल

दीपावली नजदीक है। दूध मावा पनीर घी से लेकर चांदी वर्क में भी मिलावट की जा रही है। मिलावटखोर अब त्योहार के मिठास में मिलावट का जहर घोल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 06:29 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 06:29 PM (IST)
कहीं सेहत न बिगाड़ दे मिलावट का खेल
कहीं सेहत न बिगाड़ दे मिलावट का खेल

शामली, जागरण टीम। दीपावली नजदीक है। दूध, मावा, पनीर, घी से लेकर चांदी वर्क में भी मिलावट की जा रही है। मिलावटखोर अब त्योहार के मिठास में मिलावट का जहर घोल रहे हैं।

दीपावली पर्व को देखते हुए दुकानों पर मिठाई तैयार होना शुरू हो गई। कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोर दिन-रात सक्रिय हैं। मिठाई बनाने में आने वाले खर्च को कम करने के लिए नकली मावे का प्रयोग किया जा रहा है। मिठाई की खुशबू और सुंदरता के लिए मिलाया जाने वाला रंग और भी अधिक हानिकारक होता है। इन दिनों मिठाइयों के अलावा, बेसन में आटा व रंग, अरहर की दाल में मटर, सरसों के तेल में पाम आयल आदि की मिलावट भी की जा रही है। ऐसे होती है मिलावट

आलू, शकरकंद, अरारोट और रिफाइंड आयल में 15 से 20 फीसद असली मावा मिक्स किया जाता है। साथ ही क्रीम निकला दूध भी मिलाते हैं। इससे नकली मावा बनता है और अधिकांश लोग इसे देखकर पहचान नहीं सकते।

दूध में पानी के साथ ही डिटरर्जेट, यूरिया और सोडा पाउडर की भी मिलावट की जाती है। साथ ही कई प्रकार के केमिकल का भी प्रयोग होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

दूध से क्रीम को निकाल लिया जाता है। इसके बाद बिना क्रीम के दूध में अरारोट मिलाते हैं और फिर फार्मलीन डालते हैं। फार्मलीन केमिकल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। मिलावट की पहचान के कुछ आसान तरीके

-दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं। अगर इसमें झाग आ जाए तो समझें कि दूध में डिटरर्जेट की मिलावट की गई है। साथ ही अगर अंगुलियों के बीच रगड़ने से दूध साबुन की तरह लगे तो दूध सिथेटिक हो सकता है।

-मावे पर आयोडीन टिचर की कुछ बूंद डालें। अगर मावा काला पड़ता है तो इसमें मिलावट की गई है। इसके अलावा मावे को हथेली पर रखकर रगड़ें। अगर घी छोड़ता है तो असली है।

-पनीर को पानी में उबालें और ठंडा होने पर आयोडिन टिचर की कुछ बूंद डालें। अगर पनीर नीले रंग का होता है तो समझो की इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

- मिलावटी घी की पहचान भी आयोडिन टिचर से ही हो जाएगी। टिचर से अगर घी नीले रंग का होता है तो मिलावटी है। इन्होंने कहा

पर्व के मद्देनजर डीएम के आदेश पर जिले में अभियान की शुरुआत मंगलवार से कर दी गई है। मंगलवार को दो और बुधवार को तीन सैंपल लिए गए। खाद्य विभाग की टीम ने थानाभवन और जलालाबाद व शामली में सैंपल लिए। रोजाना क्षेत्र में मिठाई की दुकानों, मावा की भट्ठी आदि पर जाकर अभियान के तहत जांच की जाएगी।

-मनोज तोमर, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, शामली

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