डिप्टी कलक्टर से डीएम ने तलब किया स्पष्टीकरण

बेसिक शिक्षा विभाग में 23 शिक्षकों की नियम विरूद्ध पदोन्नति प्रकरण की शिकायत मिलने पर जांच डिप्टी कलक्टर देवेंद्र सिंह को सौंपी गई थी लेकिन उन्होंने पूर्व अधिकारियों के बयान नहीं लिए और निलंबन की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट डीएम को भेज दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 11:05 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 11:05 PM (IST)
डिप्टी कलक्टर से डीएम ने तलब किया स्पष्टीकरण
डिप्टी कलक्टर से डीएम ने तलब किया स्पष्टीकरण

शामली, जागरण टीम। बेसिक शिक्षा विभाग में 23 शिक्षकों की नियम विरूद्ध पदोन्नति प्रकरण की शिकायत मिलने पर जांच डिप्टी कलक्टर देवेंद्र सिंह को सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने पूर्व अधिकारियों के बयान नहीं लिए और निलंबन की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट डीएम को भेज दी। डीएम ने प्रकरण में जांच अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है। साथ ही, चेतावनी भी दी है कि यदि शीघ्र ही स्पष्टीकरण न मिला तो मंडलायुक्त को विभागीय कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट भेजी जाएगी।

डीएम जसजीत कौर ने डिप्टी कलक्टर शामली से स्पष्टीकरण तलब किया। दरअसल, अनुज राणा निवासी बनत के प्रार्थना पत्र के माध्यम से तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं लिपिकों पर अध्यापकों की नियम विरुद्ध पदोन्नति की शिकायत की गई थी। डीएम ने जांच देवेंद्र सिंह डिप्टी कलक्टर शामली को जांच अधिकारी नामित किया गया। अनुज राणा के प्रार्थना पत्रों में तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं लिपिकों के 23 शिक्षकों की नियम विरुद्ध पदोन्नति करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। इसमें देवेंद्र सिंह डिप्टी कलक्टर की जांच आख्या में किसी भी पक्ष को सुनवाई का अवसर न दिए बिना तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर, वित्त एवं लेखाधिकारी शामली, तत्कालीन जिला बेसिक अधिकारी अनुराधा शर्मा एवं वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा सभी के विरूद्ध निलंबन की संस्तुति की गईं है।

डीएम ने स्पष्टीकरण मांगा है कि प्रकरण में प्रथम दृष्टया कौन दोषी है, पूर्ण रूप से कौन दोषी है अथवा आंशिक दोषी कौन है। इसका उत्तरदायित्व निर्धारित कर रिपोर्ट देनी थी। इसके विपरीत जिस दिन रिपोर्ट दी गई। उसी तारीख को आयुक्त एवं अधोहस्ताक्षरी के निर्णय से पहले ही विषयक प्रकरण की जांच रिपोर्ट जनपद के समाचार पत्रों व प्रिट मीडिया को प्रसारित कर दी गई। यह घोर अनियमितता एवं अनुशासनहीनता का परिचायक है। गोपनीय रिपोर्ट लीक हुई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करना कर्तव्यहीनता का परिचायक है। डीएम ने डिप्टी कलेक्टर को निर्देशित किया कि पत्र प्राप्ति के तत्काल बाद लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें, अन्यथा की स्थिति में विभागीय कार्रवाई के लिए मंडलायुक्त को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

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