पुलिस ने गांवों में पहुंचकर किसानों के साथ की बैठक

गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के कई गांवों में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की सूचना पर पुलिस ने सतर्कता बरती। भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने गांवों में पहुंचकर किसानों के साथ बैठक की और उन्हें समझा बुझाकर शांत किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 04:47 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 04:47 AM (IST)
पुलिस ने गांवों में पहुंचकर किसानों के साथ की बैठक
पुलिस ने गांवों में पहुंचकर किसानों के साथ की बैठक

शामली, जेएनएन। गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के कई गांवों में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की सूचना पर पुलिस ने सतर्कता बरती। भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने गांवों में पहुंचकर किसानों के साथ बैठक की और उन्हें समझा बुझाकर शांत किया।

सुरक्षा की ²ष्टि से पुलिस और पीएसी के जवानों ने भैंसवाल गांव में मार्च निकाला। बैठक लेकर किसानों को अपने घरों में ही रहने की अपील की। क्षेत्र के गांव भैंसवाल समेत कई अन्य गांवों के किसान अपने ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए, जैसे ही इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को लगी तो हडकंप मच गया। सीओ शामली प्रदीप कुमार, सीओ भवन अमित सक्सेना, गढीपुख्ता, आदर्श मंडी थानों की पुलिस फोर्स व पीएसी तुरंत भैंसवाल पहुंची। किसानों को समझाने का प्रयास किया, इस दौरान किसानों व पुलिस अधिकारियों की नोकझोंक भी हुई। इसी दौरान गांव मालैंडी, राझड़, पलठेड़ी गांव से भी ट्रैक्टर परेड की सूचना पर पुलिस इस गांव से उस गांव तक दौड़ती रही। किसानों को समझाकर शांत करती रही। बुधवार को भी पुलिस प्रशासन को सूचना मिली कि गांव भैंसवाल के किसान शामली में धरना-प्रदर्शन के लिए एकत्र हो रहे हैं, जिस पर सीओ शामली व सीओ थानाभवन ने भैंसवाल के प्राथमिक विद्यालयों में किसानों की बैठककर उन्हें गांव में ही रहने की अपील की, साथ ही चेतावनी दी कि यदि किसी ने भी कोई गड़बड़ करने का प्रयास किया तो सख्ती से निपटा जाएगा।

- हिसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया

शामली: 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में जिलेभर से किसान शामिल हुए, लेकिन वहां से लौटे किसानों ने कहा कि दिल्ली में हुई हिसा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे मन बहुत व्यथित हैं।

25 जनवरी को सुबह से ही किसानों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया था। किसान संगठनों की माने तो करीब पांच सौ ट्रैक्टर दिल्ली गए थे। ट्रैक्टर परेड से लौटे डांगरौल गांव निवासी किसान जयकुमार ने बताया कि दिल्ली में हुई हिसा अवांछित तत्वों की सोची-समझी साजिश थी। गांव के भोलेभाले किसानों को नहीं पता था कि हालात एकदम से इतने बिगड़ जाएंगे। डांगरौल निवासी डा. दिनेश ने बताया कि किसानों ने बहुत धैर्य का परिचय दिया। किसान दिल्ली के रास्तों से अनभिज्ञ थे। इसलिए काफी संख्या में रास्ता भटक गए थे। इसी गांव से सुधीर व मदन आदि किसान भी गए थे। वहीं, पिडौरा गांव से दस ट्रैक्टर परेड में गए थे। इनमें बिट्टू ने कहा कि यह तो किसानों को बदनाम करने की साजिश है। इसमें अनिल, सहेंद्र, टिकू, अजय, किरपाल सिंह आदि किसान भी परेड में पहुंचे थे।

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