शहरी क्षेत्र भी नहीं हैं गंदगी से मुक्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगी भारत छोड़ो नारा दिया है। संसाधनों में नगर निकाय काफी समृद्ध हैं लेकिन शहरी क्षेत्रों में ही सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:06 AM (IST)
शहरी क्षेत्र भी नहीं हैं गंदगी से मुक्त
शहरी क्षेत्र भी नहीं हैं गंदगी से मुक्त

शामली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगी भारत छोड़ो नारा दिया है। संसाधनों में नगर निकाय काफी समृद्ध हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में ही सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं है। वैसे तो 55 घंटे के लॉकडाउन की अवधि में फॉगिग, सैनिटाइजेशन और सफाई का विशेष अभियान चलाने के निर्देश शासन ने दिए हैं।

शुरुआत के दो हफ्ते तो अभियान चलते दिखे, लेकिन अब यह व्यवस्था भी बेपटरी हो गई है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। बारिश में गंदगी सड़कों पर फैल जाती है और इससे उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान रहते हैं। कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं

शामली, कैराना, कांधला नगर पालिका और एलम, ऊन, झिझाना, थानाभवन, जलालाबाद, बनत, गढ़ीपुख्ता नगर पंचायत हैं। शामली में भैंसवाल रोड स्थित डंपिग ग्राउंड में कूड़े से ईंट-पत्थर, पॉलीथिन अलग करने के लिए मशीन है, लेकिन यह काम भी बहुत कम होता है। शामली और कैराना में कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए तीन-तीन करोड़ रुपये की धनराशि जारी हुई है। शासन स्तर पर कार्ययोजना बन रही है। विशेष अभियान जारी होने का दावा

नगर पालिका परिषद शामली के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि रोजाना तो सफाई होती ही है। लेकिन लॉकडाउन के दो दिन विशेष अभियान चलाया जाता है। दो दिन में पूरा शहर कवर होता है। अगर कहीं कोई शिकायत है तो उसे दूर किया जाएगा। गांवों में भी सफाई कर्मियों के न आने की समस्या

गांवों में सफाई के लिए कर्मचारियों का नियमित न आने की शिकायतें आम हैं। वहीं, जिला पंचायतीराज अधिकारी आलोक शर्मा ने बताया कि पंचायती राज विभाग के 240 सफाई कर्मी हैं। राजस्व गांव 320 हैं। गांवों के हिसाब से सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। कोरोनाकाल में सफाई पर विशेष फोकस है।

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