यूपी और हरियाणा से यमुना नदी पर उमड़े श्रद्धालु

जेएनएन शामली माघ पूर्णिमा के अवसर पर यूपी व हरियाणा से यमुना नदी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाई और परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस व गोताखोर तैनात रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:10 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:10 PM (IST)
यूपी और हरियाणा से यमुना नदी पर उमड़े श्रद्धालु
यूपी और हरियाणा से यमुना नदी पर उमड़े श्रद्धालु

जेएनएन, शामली, माघ पूर्णिमा के अवसर पर यूपी व हरियाणा से यमुना नदी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगाई और परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस व गोताखोर तैनात रहे।

शनिवार को माघ पूर्णिमा के अवसर पर यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित यमुना नदी पर सुबह से ही दोनों प्रदेशों से श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे। धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। हरियाणा की ओर यमुना किनारे श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखी गई, तो वहीं यूपी की ओर भी श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने यमुना किनारे विशेष पूजा-अर्चना की तथा स्नान किया। इसके साथ ही परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। वहीं, श्रद्धालुओं ने प्रसाद का भी वितरण किया। यमुना नदी पर स्नान के चलते सुरक्षा के ²ष्टिगत पुलिस व प्राइवेट गोताखोर तैनात रहे।

दिल साफ करता है खुदा का जिक्र: हबीबुर्रहान

शामली, दारूल उलूम देवबंद के वरिष्ठ मुफ्ती हबीबुर्रहान ने कहा कि अल्लाह का जिक्र सबसे बड़ी इबादत है। इससे मनुष्य का दिल साफ हो जाता है। इसलिए अल्लाह के जिक्र की मजलिसों में शरीक हो और अल्लाह से लौ लगाएं। उन्होंने समाज से अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्तों पर चलने का आह्वान किया।

क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर राई में स्थित मस्जिद में आयोजित जिक्र-ए-खुदा की मजलिस में विश्व विख्यात शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद के वरिष्ठ मुफ्ती, मुफ्ती हबीबुर्रहान खैराबादी पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को इन मजलिसों के महत्व को समझना चाहिए। ये मजलिसें कोई नई बात नहीं हैं, बल्कि सदियों से चली आ रही हैं। उन्होंने प्रख्यात आलिम-ए-दीन मौलाना मेराजुल हसन कांधलवी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वह खुद भी अपने निवास पर जिक्र-ए5खुदा की मजलिस करते रहते हैं। यह मजलिस भी उन्हीं की देखरेख में हुईं। दारुल उलूम देवबंद से आए मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी ने कहा कि कलाम इलाही महत्वपूर्ण है, जिसका जिक्र करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्लाह का जिक्र हमें सही रास्ते पर लाता है और बुराइयों से किनारा खुद-ब-खुद होने लगता है। मौलाना मेराजुल हसन ने कहा कि जिस बस्ती में उलमा के कदम रखे जाते हैं, वे बड़े ही सौभाग्यशाली लोग हाते हैं। इस अवसर पर मुफ्ती फारूक, मौलाना तहसीन, डॉ. मारूफ, मौलाना मुरसलीन, मौलाना सलीम कासमी, कारी मंजूरूल हसन, हाजी इलियास आदि मौजूद रहे।

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