जिले में नहीं होती डेंगू की एलाइजा जांच

शामली को जिला बने 28 सितंबर को 10 साल हो जाएंगे। लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में अब भी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं। डेंगू की प्रमाणित माने जाने वाली एलआइजा जांच की सुविधा अब तक नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:13 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:13 PM (IST)
जिले में नहीं होती डेंगू की एलाइजा जांच
जिले में नहीं होती डेंगू की एलाइजा जांच

शामली, जागरण टीम। शामली को जिला बने 28 सितंबर को 10 साल हो जाएंगे। लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में अब भी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं। डेंगू की प्रमाणित माने जाने वाली एलआइजा जांच की सुविधा अब तक नहीं है। पहले मेडिकल कालेज मेरठ और अब जिला अस्पताल मुजफ्फरनगर सैंपल भेजे जाते हैं। रिपोर्ट आने में कईं-कईं दिन तक लग जाते हैं। रिपोर्ट का इंतजार किसी की जान पर भारी न पड़ जाए।

डेंगू की एंटिजन जांच रैपिड कार्ड से होती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे प्रमाणित नहीं मानता है और पुष्टि एलाइजा जांच से ही होती है। पिछले साल मेडिकल कालेज मेरठ से सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में एक-एक माह तक का वक्त लगा था। जिला मलेरिया अधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर से रिपोर्ट मेरठ के मुकाबले काफी जल्दी आ जाती है। जिले में जांच की सुविधा कब तक होगी। इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। हालांकि एंटिजन जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर मरीज का उपचार शुरू कर दिया जाता है।

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आंकड़ों पर अब तक एक केस

एंटिजन टेस्ट में तो काफी लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। लेकिन प्रमाणित जांच के हिसाब से एक ही केस है। 15 सितंबर को कच्चीगढ़ी की महिला की पानीपत में मौत हुई थी, जिनकी एंटिजन डेंगू की जांच पाजिटिव थी। लेकिन यह मौत डेंगू से होना दर्ज नहीं किया गया है।

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शासन स्तर पर लगातार स्वास्थ्य सेवा बढ़ाने की पैरवी की जा रही है। जल्द ही पत्र भी लिखा जाएगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में एलाइजा जांच की सुविधा जिले में ही हो जाएगी।

-डा. सफल कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला संयुक्त अस्पताल

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