जानलेवा हो रहे हैं हाइवे गड्ढे और कट

शामली जेएनएन। पिछले तीन साल के हादसों और मौत के आंकड़ों पर निगाह दौड़ाई जाए तो जनपद की खूनी सड़के ढाई सौ से ज्यादा लोगों की जिदगी लील चुकी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:14 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 08:14 PM (IST)
जानलेवा हो रहे हैं हाइवे गड्ढे और कट
जानलेवा हो रहे हैं हाइवे गड्ढे और कट

शामली, जेएनएन।

पिछले तीन साल के हादसों और मौत के आंकड़ों पर निगाह दौड़ाई जाए तो जनपद की खूनी सड़के ढाई सौ से ज्यादा लोगों की जिदगी लील चुकी हैं। यह हादसे राजमार्ग पर बेतरतीब और गलत तरीके से दौड़ रहे वाहनों के कारण और डिवाइडरों पर रिफ्लेक्टर न होने से हुए। हाईवे पर बने कट भी मौत का आकंड़ा बढ़ाने में सहायक हैं। हादसे रोकने के लिए नगर में लगाए गए यातायात सिग्नल भी खराब पड़े हैं। हादसों को देखकर अधिकारियों ने जिम्मेदारी के नाम पर जनपद क्षेत्र में ब्लैक स्पाट बनाकर मात्र खानापूर्ति की है।

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जनपद में ये हैं ब्लैक स्पाट-

- शामली में विजय चौक

- शामली गुलजारी वाला मंदिर के पास

- शामली में गुरुद्वारा तिराहा

- झिझाना में गाड़ीवाला चौराहा

- झिझाना में काठा नदी का पुल।

- जलालाबाद में चौराहा

- थानाभवन में हिड पुलिया

- बनत में कस्बा का मुख्य मार्ग

- कैराना में कांधला तिराहा

- कैराना में बस अड्डा

- कांधला में दिल्ली बस अड्डा

- गढ़ी पुख्ता में कच्ची गढ़ी-ऊन मार्ग

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हाइवे पर यहां है कट-

- शामली में गांव सिभालका, लाक, झाल, हसनपुर, बुटराड़ी ।

- आदर्श मंडी क्षेत्र में गांव टिटौली ।

- झिझाना में गांव लक्ष्मणपुरा, बिडौली, अहमदगढ़, गुर्जरपुर ।

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गड्ढ़ों-कटों पर नही किसी का ध्यान

जनपद में हाइवों पर गांव भी बसे हैं। मेरठ-करनाल हाइवे पर गांव सिभालका, दिल्ली-शामली मार्ग पर करमूखेड़ी, लिलौन हैं। यहां हादसे होते रहते है। मेरठ-करनाल मार्ग पर शामली में बुढ़ाना रेलवे फाटक के पास डिवाइडर तो है लेकिन रिफ्लेक्टर नही लगे है। वहां पर गड्ढ़े भी बने हैं। शामली तहसील मार्ग, शामली-कैराना, झिझाना, गढ़ीपुख्ता में ऊन-कच्ची गढ़ी मार्ग पर बने गड्ढे हादसों का सबब बने हैं। हाइवे पर गांवों के बाहर कट भी मौत का आंकड़ों को बढ़ा रहे हैं। अधिकारियों ने हादसे वाले क्षेत्र को ब्लैक स्पाट घोषित कर मौन साध लिया है। हाइवे या फिर हादसे वाले क्षेत्र में रिफ्लेक्टर, यातायात सिग्नल, जरूरी दिशा निर्देश वाले सूचनापट लगने चाहिए थे। ऐसा नही किया गया।

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थानाभवन से जलालाबाद को जोड़ने वाला मार्ग जर्जर हालत में है। ऊन-थानाभवन क्षेत्र का लिक मार्ग तो हादसे के लिए बदनाम है। कैराना से कांधला जाने वाला रास्ता भी हादसों के लिए चर्चित है। कांधला से जंगल के रास्ते शामली आने वाला मार्ग टूट चला है। बुढ़ाना मार्ग पर गड्ढे बने हुए हैं। नई मंडी से गढ़ी पुख्ता जाने वाले मार्ग की भी नगर क्षेत्र में हालत खस्ता है। गड्ढ़ों-कट के कारण हुए मुख्य हादसे-

- बाबरी में गांव बंतीखेड़ा के पास कट पर मोड़ते समय ट्रैक्टर की चपेट में आकर बालक की मौत।

- बाबरी के गांव फतेहपुर में गड्ढे में पहिया गिरने पर असंतुलित हुए पिकअप की टक्कर से बाइक सवार की मौत।

- ऊन क्षेत्र में गड्ढे में पहिया गिरने से दो बाइक भिड़ी, एक बाइक चालक की मौत।

- इनका कहना है

हादसे रोकने के लिए डिवाइडरों पर रिफ्लेक्टर लगाने के आदेश दिए गए हैं। गड्ढ़ों-कट के बारे में एनएचएआइ के साथ बैठक की जाएगी।

-राजेश श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक।

- कोहरा शुरू होने जा रहा है। सुरक्षा के लिए बुग्गियों, ट्रैक्टर-ट्रालियों, ट्रकों, बसों पर रिफ्लेक्टर व हाइवे पर कट व मोड़ पर साइन बोर्ड लगवाने की कार्रवाई की जाएगी।

-मुंशीलाल, एआरटीओ।

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