सांपला गांव में राशन वितरण में लाखों रुपये की धांधली

राशन डीलर सस्पेंड हुआ तो गांव प्रधान ने अपने सामने राशन का वितरण कराया। इससे गांव में राशन वितरण में हो रहा लाखों रुपये का घोटाला भी पकड़ में आ गया। जिन लोगों की शादी नहीं हुई और संतानहीन विधवा औरतों के परिवार में भी पांच-पांच यूनिट दर्शाकर राशन लिया जा रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:42 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:42 PM (IST)
सांपला गांव में राशन वितरण में लाखों रुपये की धांधली
सांपला गांव में राशन वितरण में लाखों रुपये की धांधली

शामली, जागरण टीम। राशन डीलर सस्पेंड हुआ तो गांव प्रधान ने अपने सामने राशन का वितरण कराया। इससे गांव में राशन वितरण में हो रहा लाखों रुपये का घोटाला भी पकड़ में आ गया। जिन लोगों की शादी नहीं हुई और संतानहीन विधवा औरतों के परिवार में भी पांच-पांच यूनिट दर्शाकर राशन लिया जा रहा था। एक व्यक्ति के राशन कार्ड पर कई जातियों के लोगों के नाम दर्ज हैं। गांव प्रधान ने मामले की आला अधिकारियों से शिकायत करते हुए जांच कराने की मांग की है। गांव प्रधान का कहना है कि हर माह लाखों रुपये का खेल रहा है।

गांव सांपला में ग्रामीणों ने राशन वितरण में घालमेल की शिकायत की तो अफसरों ने जांच कराई। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ऊन ने डीलर को सस्पेंड करने की संस्तुति की। इसके बाद राशन डीलर लख्मीचंद को सस्पेंड कर दिया गया और दुकान पड़ोसी गांव में संबद्ध कर दी गई। इसके बाद जब सितंबर माह में राशन वितरण किया गया तो गांव प्रधान भी वहीं पर मौजूद रहे।

ग्रामीणों की मौजूदगी में पता चला कि गांव में पात्र यूनिट करीब 650 हैं, जबकि राशन 1021 यूनिट का लिया जा रहा है। गांव में हर माह करीब 51 कुंतल अनाज आता है, जबकि वितरित होता है मात्र 32 कुंतल। करीब 18.5 कुंतल अनाज का हर माह घालमेल किया जा रहा है। कैसे हो रहा है घालमेल

गांव प्रधान का कहना है कि राशन डीलर लख्मीचंद की चार पत्नी दर्शाई गई हैं। इनके नाम विभा, ओमबीरी और सोमवती एवं एक अन्य हैं। गांव निवासी महिला श्यामो और पारो विधवा हैं। दोनों ही महिलाओं का कोई बच्चा नहीं है। इनके राशन कार्ड में पांच-पांच यूनिट दर्शाई गई हैं। गांव निवासी कविद्र की शादी नहीं हुई है, लेकिन उनके कार्ड में एक पत्नी और तीन बच्चे हैं। समुं्द्री पत्नी चंद्रभान की करीब बीस साल पहले मौत हो चुकी है, लेकिन उनका नाम कार्ड में आज भी चल रहा है। यही नहीं एक व्यक्ति के राशन कार्ड में दूसरी जातियों के चार-पांच लोगों नाम चढ़े हुए हैं। गांव प्रधान का कहना है कि आपूर्ति विभाग के अफसरों की मिलीभगत से यह घालमेल हो रहा है। यह मसला तो केवल एक ही गांव का है। यदि समस्त गांवों की जांच कराई जाए तो हर माह करोड़ों रुपये का घालमेल पकड़ में आ सकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है। इनका कहना है

गांव में हर माह करीब 18 कुंतल राशन का घालमेल किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को तथ्यों से अवगत कराकर कार्रवाई की मांग की गई है। यह राशन पात्रों को मिलना चाहिए।

शिवदत्त शर्मा, गांव प्रधान

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