आपूर्ति विभाग के भ्रष्टाचार में गुम हुए डीएम के आदेश

आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि डीएम के आदेश ही गुम हो गए हैं। गांव सांपला में राशन वितरण में बड़ा घोटाला पकड़ में आने के बाद डीएम ने जिले के राशन कार्डों से सभी मृतकों विस्थापितों और अपात्रों के नाम हटाते हुए राशन कार्ड में संशोधित यूनिट का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा था। अवधि के बाद एक महीना बीत जाने के बावजूद विभागीय अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई के बजाय मनमानी पर उतारू हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:52 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 06:53 AM (IST)
आपूर्ति विभाग के भ्रष्टाचार में गुम हुए डीएम के आदेश
आपूर्ति विभाग के भ्रष्टाचार में गुम हुए डीएम के आदेश

शामली, जागरण टीम। आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि डीएम के आदेश ही गुम हो गए हैं। गांव सांपला में राशन वितरण में बड़ा घोटाला पकड़ में आने के बाद डीएम ने जिले के राशन कार्डों से सभी मृतकों, विस्थापितों और अपात्रों के नाम हटाते हुए राशन कार्ड में संशोधित यूनिट का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा था। अवधि के बाद एक महीना बीत जाने के बावजूद विभागीय अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई के बजाय मनमानी पर उतारू हैं।

ऊन ब्लाक के गांव सांपला में ग्रामीणों की शिकायत पर हुई जांच में राशन वितरण में बडा घालमेल पकड़ा गया तो राशन डीलर लख्मीचंद को सस्पेंड कर दिया गया। दुकान दूसरे गांव में संबद्ध हुई और राशन बांटा गया तो उससे भी बड़ा घोटाला सामने आया। गांव प्रधान शिवदत्त शर्मा का कहना है कि गांव में मात्र 650 यूनिट ही पात्र हैं, जबकि राशन दिया जा रहा है 1021 यूनिट का। हर महीने केवल सांपला गांव में ही 18.5 कुंतल राशन का गबन हो रहा है। पूरे जिले के अधिकांश गांवों में यही हाल है। प्रधान ने डीएम से शिकायत की तो जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद डीएम जसजीत कौर ने मामले का संज्ञान लेते हुए आपूर्ति विभाग को सख्त पत्र लिखा। 02 सितंबर को लिखे पत्रांक संख्या 394/जिपूअ/राशन कार्ड सत्यापन/ 2021 पत्र में डीएम ने अंत्योदय और पात्र ग्रहस्थी कार्डधारकों की सूची का सत्यापन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गांवों में खुली बैठक कर मृतकों, विस्थापितों और अपात्रों के नाम राशनकार्डों से हटाकर संशोधित एवं त्रुटिरहित राशन कार्ड धारकों और यूनिटों का विवरण 25 सितंबर तक उपलब्ध कराने सुनिश्चित करें। यही नहीं डीएम ने इस संबंध में एक शपथ पत्र भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। डीएम की अवधि को एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन आपूर्ति विभाग में डीएम का यह आदेश भी बौना साबित होकर रह गया है। आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि राशन डीलर को सस्पेंड कर दिया गया है। जब उनसे पूछा गया कि हर माह 18.5 कुंतल राशन का गबन हो रहा तो इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

इनका कहना है

गांव प्रधान के कहने या शिकायत करने से कुछ नहीं होगा। यह राशन आनलाइन वितरित होता है। जिस गांव में जितनी यूनिट दर्ज हैं, राशन उन्हीं यूनिटों के आधार पर वितरित होता रहेगा।

-शशिकांत, जिला पूर्ति अधिकारी

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