निजी अस्पतालों में उपचार से पहले मांग रहे कोरोना जांच रिपोर्ट

सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद हैं और ऐसे में मरीजों का पूरा दबाव निजी अस्पतालों पर है। उपचार से पूर्व लक्षण वाले मरीजों से कोरोना की जांच कराने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि गंभीर हालत वाले मरीजों को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया जाता है लेकिन यह भी हकीकत है कि कुछ चिकित्सक मरीज की स्थिति गंभीर होने पर भी भर्ती नहीं करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:07 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:07 PM (IST)
निजी अस्पतालों में उपचार से पहले मांग रहे कोरोना जांच  रिपोर्ट
निजी अस्पतालों में उपचार से पहले मांग रहे कोरोना जांच रिपोर्ट

शामली, जागरण टीम। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद हैं और ऐसे में मरीजों का पूरा दबाव निजी अस्पतालों पर है। उपचार से पूर्व लक्षण वाले मरीजों से कोरोना की जांच कराने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि गंभीर हालत वाले मरीजों को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया जाता है, लेकिन यह भी हकीकत है कि कुछ चिकित्सक मरीज की स्थिति गंभीर होने पर भी भर्ती नहीं करते हैं। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग और आइएमए ने टेलीमेडिसिन के लिए चिकित्सकों के नंबर जारी किए हुए हैं। स्वास्थ्य संबंधित सामान्य परेशानी होने पर फोन पर परामर्श लेने की अपील की गई है। लेकिन निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि में मरीजों की संख्या काफी रहती है। कुछ चिकित्सकों ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए क्लीनिक बंद कर लिए हैं, पर अधिकांश मरीजों को देख रहे हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) शामली के अध्यक्ष डा. अकबर खान का कहना है कि अगर किसी मरीज की हालत गंभीर होती है तो कोई भी चिकित्सक पहले कोरोना जांच के लिए नहीं कहता है। तुरंत उपचार शुरू होता है और भर्ती भी किया जाता है। मरीज की स्थिति के अनुसार कोरोना की जांच के लिए कहा जाता है। हां, अगर कोई सामान्य मरीज है और कोरोना के कुछ लक्षण हैं तो उन्हें जरूर जांच के लिए कहा जा रहा है। एंटिजन जांच रिपोर्ट ही अधिकांश लेकर आते हैं, क्योंकि आरटी-पीसीआर जांच में तो काफी दिन लग रहे हैं। सभी चिकित्सकों की ओर से प्रयास है कि मरीजों को दिक्कत न हो। उधर, सीएमओ डा. संजय अग्रवाल का कहना है कि आइएमए के साथ पिछले दिनों बैठक की गई थी। मरीजों को उपचार में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। कोई शिकायत मिलेगी तो चिकित्सकों से बात की जाएगी।

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