गांवों में कोरोना ने जमाई जड़ें, बढ़ी चिता और चुनौती

पिछले साल कोरोना का प्रकोप गांवों में बहुत अधिक नहीं था लेकिन इस बार तो महामारी ने जड़ें जमा ली हैं। काफी संख्या में रोजाना गांवों से संक्रमित मिल रहे हैं। दूसरी चिता की बात यह है कि काफी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 11:04 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 11:04 PM (IST)
गांवों में कोरोना ने जमाई जड़ें, बढ़ी चिता और चुनौती
गांवों में कोरोना ने जमाई जड़ें, बढ़ी चिता और चुनौती

जेएनएन, शामली।

पिछले साल कोरोना का प्रकोप गांवों में बहुत अधिक नहीं था, लेकिन इस बार तो महामारी ने जड़ें जमा ली हैं। काफी संख्या में रोजाना गांवों से संक्रमित मिल रहे हैं। दूसरी चिता की बात यह है कि काफी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई या अन्य किसी बीमारी से। लेकिन गांवों के लोगों की चिता बढ़ गई है। ऐसे में कोविड गाइडलाइन का अधिकांश लोग पालन करते हुए भी दिख रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर मार्च में शुरू हुई। तब शामली शहर के साथ ही अन्य कस्बों से ही अधिक केस आ रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे गांवों में संक्रमण फैलने लगा। पंचायत चुनाव के बाद गति काफी तेज हो गई। अब तो कई दिन ऐसे भी रहे, जब गांवों से ही 50 फीसद से अधिक केस मिले।

इन गांवों में ज्यादा मौतें

जिले के टपराना, रंगाना, डांगरौल, गंगेरू, गढ़ी दौलत, सुन्ना समेत कई गांवों में पिछले करीब 15-20 दिन में लगातार मौत हो रही हैं। गांव वाले दहशत में हैं। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर मौत कोरोना से हो रही हैं या अन्य बीमारियों से। मृतकों में युवा से लेकर बुजुर्ग सभी उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं। मृतकों के स्वजन ज्यादा कुछ नहीं बोलते हैं और बीमारी से मौत होना ही बताते हैं। वहीं, सरकारी आंकड़ों में कोरोना से मौत की संख्या 36 है।

गांवों में हुआ था सर्वे

पंचायत चुनाव के बाद पांच से दस मई तक ग्रामीण क्षेत्र में लक्षण वाले मरीज खोजने का अभियान चलाया गया। 904 टीम लगाई गई थी। 1.59 लाख घरों का सर्वे हुआ और 2152 लक्षण वाले लोग चिन्हित किए गए। सभी को दवा की किट दे दी गई। साथ ही कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि अभी काफी सैंपलों की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आनी है। हालांकि दवा सभी को दे दी गई है। लक्षण वाले मरीजों की जांच कराई जा रही है। गांवों में सैनिटाइजेशन भी हो रहा है। अगर कहीं से किसी बीमारी आदि से मौत की सूचना मिलती है तो टीम भेजकर जांच भी कराई जा रही है।

रिश्तेदार कम आ रहे

गांवों में लगातार मौत हो रही है। स्वजन ही सामान्य मौत ही मानकर चलते हैं। ऐसे में कोविड प्रोटोकाल नहीं होता है। हालांकि मौत की सूचना पर रिश्तेदार भी नहीं आ रहे हैं। गांव के भी बहुत कम लोग ही अंतिम यात्रा में शामिल हो रहे हैं। इन्होंने कहा..

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर सर्वे कराया जा रहा है। टीम लगाई गई हैं और निगरानी समितियां भी सहयोग कर रही हैं। पांच दिन का अभियान था, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है, जिससे कोई गांव न छूटे। अगर कोई गांव छूट रहा है तो कंट्रोल रूम को सूचना दे दें। ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

-जसजीत कौर, डीएम, शामली

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