यमुना नदी के पुल का निर्माण होने से बच सकेगी हादसों से जान

शामली जागरण टीम। जिले में सबसे पुराना पुल फिलहाल यमुना नदी पर बना हुआ है। यह पुल छह दश

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:02 PM (IST)
यमुना नदी के पुल का निर्माण होने से बच सकेगी हादसों से जान
यमुना नदी के पुल का निर्माण होने से बच सकेगी हादसों से जान

शामली, जागरण टीम। जिले में सबसे पुराना पुल फिलहाल यमुना नदी पर बना हुआ है। यह पुल छह दशक पुराना है। पुल किसी भी समय ढह सकता है। पुल से गुजरते वाहन सवार खुद कंपन महसूस करते हैं। हालांकि नेशनल हाइवे द्वारा इस पुल के बराबर में ही दूसरे पुल का निर्माण चल रहा है। अफसरों का दावा है कि पुल का निर्माण जल्द ही पूरा करा दिया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर जलालाबाद में पुल करीब 15 साल पहले बना था, लेकिन इस पुल के दोनों साइट पर किनारे धंस गए हैं। वहीं, पूर्वी यमुना नहर की रेलिग भी टूटी होने से हादसों को न्यौता दे रही है।

जिले में यमुना नदी पर करीब 60 साल पहले पुल बनाया गया था। पिछले करीब आठ साल से पुल खस्ताहालत में है। साल 2014 में पुल का कुछ हिस्सा नीचे बैठ गया तो इसकी मरम्मत कराई गई। हालांकि अब पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो रहा है और यमुना नदी पर पुराने पुल के बराबर में ही नए पुल का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, शामली में मेरठ-करनाल हाइवे पर पहले पुराना पुल था। यह संकरा था और जर्जर हो था। पांच साल पूर्व सेतु निगम ने नए पुल का निर्माण किया था। अब काफी दिनों से इसकी रेलिग टूटी हुई, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हो सकी है।

कृष्णा नदी को से काबडौत गांव से जोड़ने के लिए नए पुल बन चुके हैं। पूर्वी यमुना नहर के अफसरों का दावा है कि 10.43 करोड़ की लागत से 44 पुलों का पुनर्निमाण और 235 पुलों की मरम्मत का एस्टीमेंट तैयार करके शासन को भेजा गया है। दूसरी ओर, भूरा गांव में दो, जलालाबाद में एक, माल्हीपुर के दो गोहरनी के दो, बधेव के दो, खंद्रावली के दो पुल रजबाहे के है। इनका पुनर्निमाण होगा।

यमुना नदी का पुल बनने के बाद यहां काफी राहत मिल सकेगी, क्योंकि इस पुल से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। भारी वाहनों के गुजरने के कारण यहां मजबूत पुल की दरकार थी। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक संजय मिश्रा का कहना है कि कैराना यमुना नदी पुल का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। यह आगामी अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाएगा।

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