झगड़ों से बंद हो जाते हैं तरक्की के रास्ते

राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की सादगी ईमानदारी और किसान-मजदूरों के लिए उनके दिल में छिपी मोहब्बत फिक्र और जुनून के लोग गवाह है। उनसे जुड़े किस्से सदैव जीवंत रहेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 11:37 PM (IST)
झगड़ों से बंद हो जाते हैं तरक्की के रास्ते
झगड़ों से बंद हो जाते हैं तरक्की के रास्ते

शामली, अनुज सैनी। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की सादगी, ईमानदारी और किसान-मजदूरों के लिए उनके दिल में छिपी मोहब्बत, फिक्र और जुनून के लोग गवाह है। उनसे जुड़े किस्से सदैव जीवंत रहेंगे।

चौधरी अजित सिंह रालोद के पदाधिकारियों, समर्थकों को वे हमेशा एकता का पाठ पढ़ाया करते थे। उससे पहले व बाद में चौधरी साहब का शामली में खूब आना जाना रहा। यहां की जनता ने उन्हें सदैव पलकों पर बैठाया। जिले के जलालाबाद में किला परिवार के पूर्व सांसद गय्यूर अली खान से भी पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह व चौधरी अजित सिंह के पुराने रिश्ते रहे हैं। साल 2018 में रालोद अध्यक्ष उपचुनाव से पहले जलालाबाद किला परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने मंडल के जिलों के पदाधिकारियों से अलग-अलग वार्ता की। रालोद महासचिव अशरफ अली खान ने बताया कि उस दौरान चौधरी साहब ने हमारे यहां दाल-रोटी और पेड़ा खाया। अक्सर कहते थे कि अशरफ आपसी झगड़ों से तरक्की के रास्ते बंद होते हैं। अशरफ बताते हैं कि चौधरी साहब चुटीले अंदाज में कार्यकर्ताओं से कहते थे कि मैं तो फोटो खिचावने वाला नेता रह गया हूं। फोटो खिचवाने हो तो आ जाओ मेरे पास। बाकी बात जयंत से ही करो।

चौधरी साहब ने मजलूमों की आवाज सत्ता तक पहुंचाई : राव

आज किसान राजनीति का एक अध्याय खत्म हो गया। चौधरी अजित सिंह के निधन की सूचना बेचैन करने वाली है। उन्होंने हमेशा किसानों, गरीबों और मजदूरों की लड़ाई लड़ी। मजलूमों की आवाज सत्ता तक पहुंचाई और उन्हें इंसाफ दिलाया। किसान राजनीति हमेशा उनसे प्रेरित होती रहेगी।

राव अब्दुल वारिश, पूर्व विधायक

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