हाड़ कंपाने वाली सर्दी से ठहर गया जन जीवन

सर्दी का कहर निरंतर बढ़ता जा रहा है। कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालात यह है कि ठंड से बचने के लिए लोग घरों से निकलने से गुरेज ही कर रहे हैं। रविवार को जहां सूर्यदेव के दर्शन से कुछ राहत मिली थी। वहीं सोमवार को सूर्य नहीं निकलने से लोगों का बुरा हाल हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Dec 2019 08:06 PM (IST) Updated:Mon, 30 Dec 2019 08:06 PM (IST)
हाड़ कंपाने वाली सर्दी से ठहर गया जन जीवन
हाड़ कंपाने वाली सर्दी से ठहर गया जन जीवन

शामली, जेएनएन। सर्दी का कहर निरंतर बढ़ता जा रहा है। कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालात यह है कि ठंड से बचने के लिए लोग घरों से निकलने से गुरेज ही कर रहे हैं। रविवार को जहां सूर्यदेव के दर्शन से कुछ राहत मिली थी। वहीं, सोमवार को सूर्य नहीं निकलने से लोगों का बुरा हाल हो गया। घने कोहरे में वाहनों की गति भी बहुत धीमी रही। सोमवार को न्यूनतम तापमान चार और अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह के वक्त कोहरे ने भी परेशान किया। ठंड से लोग कांपते रहे। हालत यह रही कि बर्फीली हवाओं से हाथ-पांव सुन्न हो रहे हैं। लोग जगह-जगह अलाव तापकर राहत पाने की कोशिश करते रहे। दूसरी ओर सरकारी कार्यालयों और दुकानों में गैस और बिजली से चलने वाले हीटर से राहत पा रहे हैं। बाजारों में सुबह के 10 बजे तक जहां सन्नाटा पसरा रहता है। वहीं, शाम को छह बजे से पहले ही फिर से बाजारों में लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं।

पिछले दो हफ्ते से ठंड ने बेहाल कर रखा है। सूर्यदेव के दर्शन भी बेहद कम ही हो रहे हैं। सोमवार सुबह तड़के से ही घना कोहरा रहा। इससे वाहन रेंग-रेंगकर चले। हालत यह रही कि चंद कदमों की दूरी भी दिख नहीं रही थी। वाहन चालकों को हेडलाइट और फॉग लैंप जलाकर चलना पड़ा। कारों, ट्रकों, बसों आदि वाहनों के शीशों पर कोहरे की परत जम रही थी। ऐसे में हीटर ने राहत दी है, लेकिन जिन वाहनों में हीटर नहीं थे, उन्हें काफी दिक्कत हुई। थोड़ी-थोड़ी देर बाद शीशे को साफ करना पड़ा। पूरा दिन सूर्यदेव के दर्शन न होने से ठंड का प्रकोप बढ़ता रहा। ठंड बेहद अधिक महसूस हो रही थी। कक्षा आठ तक तो स्कूलों में छुट्टी है, लेकिन अन्य कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को स्कूल-कॉलेज जाना पड़ रहा है। छात्र-छात्राएं ठंड के बीच स्कूल पहुंचे और कक्षाओं में बैठे कंपकंपाते रहे। शहर में सोमवार को अलाव हर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर जलते नजर आए। ठंड और बर्फीली हवाओं के बीच पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था तो अलाव ने कुछ राहत दी है, लेकिन अलाव से दूर होते ही हाथ-पांव सुन्न जैसे हो गए। बाजारों में ग्राहक कम रहे तो देर शाम अधिकतर दुकानें बंद हो गई। दफ्तरों और बाजारों में लोग चाय-कॉफी चुस्की लेते रहे। लोग बाहर निकलने की हिम्मत वही कर सके, जिन्हें बेहद जरूरी काम था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड से गेहूं की बुवाई हाल ही में की गई है। कम तापमान से पाले का असर ज्यादा होगा। गेहूं का पौधा पीला पड़ सकता है। साथ ही बढ़वार भी प्रभावित होती है। सरसों, टमाटर, गोभी, पालक, शलजम, बैंगन आदि की फसल में भी यही समस्या आ सकती है।

सर्दी से किसान परेशान

संवाद सूत्र, कैराना : रविवार को निकली मामली धूप से ही किसानों से अंदाजा लगाना शुरू कर दिया था कि मौसम में आया यह बदलाव कोहरा और ठंड का कारण बनेगा। सोमवार को कोहरा दिन भर छाया रहा। इससे सड़कों पर भी सन्नाटा रहा। सर्दी से सभी परेशान दिखे। किसान अपने पशुओं को लेकर काफी चितित हैं। किसान मूल्की पंवार ने बताया कि दूधारू पशुओं को चना, बिनौले देकर सर्दी से बचाया जा रहा है। किसान संदीप पंवार ने बताया कि पशु ज्यादा खुराक लेने के बावजूद भी दूध नहीं दे पा रहे है। किसान संदीप चौहान ने बताया कि गुड़, बिनौले खिलाकर पशुओं को सर्दी से बचाया जा रहा है।

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