बेटे का शव देख टूटा दुख का पहाड़

जागरण संवाददाता, शामली : समीर मंगलवार को सुबह लगभग नौ बजे रहस्यमय हालातों में लापता हुआ था

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Jul 2018 10:50 PM (IST) Updated:Wed, 11 Jul 2018 10:50 PM (IST)
बेटे का शव देख टूटा दुख का पहाड़
बेटे का शव देख टूटा दुख का पहाड़

जागरण संवाददाता, शामली : समीर मंगलवार को सुबह लगभग नौ बजे रहस्यमय हालातों में लापता हुआ था। किसी को जरा भी अहसास नहीं था कि उनके बेटे के साथ कुछ ऐसा भी हो सकता है। फिरोज राज मिस्त्री है। उसका बड़ा बेटा चौदह वर्षीय आमीर है, जो नगर की एक परचून की दुकान पर काम करता है। उससे छोटा बारह वर्षीय सलमान, दस वर्षीय बेटी सानिया, फिर समीर व उसके छोटा पांच वर्षीय चांद है। पूरा परिवार व पड़ोसी किरायेदार रात में सोये नहीं थे।

बुधवार सुबह जब ईंख के खेत में बालक का शव पड़ा मिला और मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर आने के लिए कहा तब तक भी परिजन आश्वस्त थे कि उनका बेटा सकुशल होगा, लेकिन जब उन्होंने बेटे का शव देखा तो उन पर दुख: का पहाड़ टूट पड़ा। फिरोज व पूरा परिवार दहाड़े मार-मारकर रो पड़ा। महिलाएं बेटे के शव से लिपट गई। माहौल गमगीन बन चला। माहौल की नजाकत को देखकर पुलिस ने तुरंत शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।

किसी नजदीकी का ही हाथ

समीर की हत्या करने में पुलिस किसी नजदीकी का हाथ होना मान रही है। पुलिस का मानना है कि इतनी दूर समीर किसी अनजान व्यक्ति के साथ नहीं जा सकता। इसलिए कोई न कोई फिरोज के परिवार का नजदीकी इस हत्याकांड में जरूर शामिल रहा है।

तंत्र-मंत्र की ओर भी इशारा

सात वर्षीय बेटे समीर की हत्या में हालांकि पुलिस ने तंत्र मंत्र का प्रयोग कर बलि जैसे जघन्य अपराध से इन्कार किया है। मृतक के भाई आमीर व अन्य परिजनों का कहना है कि जिस समय वह सब मौके पर पहुंचे थे तो वहां शव के पास एक मोमबत्ती, ब्लेड, चप्पल,चाकू पड़ा था। धारदार हथियार से वार कर हाथ काटा गया था। चेहरा बिगाड़ा गया था। जीभ कटी हुई थी। दांत टूटे थे। यह सब तंत्र मंत्र का कार्य है। परिजनों ने कहा कि समीर की बलि दिए जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

खून का बदला खून

शव देखने के बाद परिवार की महिलाओं का बुरा हाल था। फिरोज की पत्नी व बड़ी भाभी बार-बार बेहोश हो जा रही थी। समीर की ताई तो बदहवाशी की हालत में बाहर की और भागने लगी थी। वह चिल्ला रही थी कि समीर ¨झझाना गया है। वह उसे लेकर आएगी। बदहवाशी में कह रही थी कि जिसने भी यह काम किया है उससे खून का बदला खून लिया जाएगा।

पैसे के कारण समीर को नहीं दिलाई जा सकीं किताबें

फिरोज चिनाई का मिस्त्री है। आमदनी के मुकाबले परिवार बड़ा होने के कारण खर्च ज्यादा है। समीर अपने घर से दस कदम की दूरी पर सरकारी स्कूल में कक्षा एक का छात्र था। फिरोज पैसों के कारण उसे किताबें नहीं दिला पाया जिस कारण मंगलवार को समीर स्कूल नहीं जा सका था। इसी के चलते वह बच्चों के साथ खेल रहा था। किसी को पता नहीं था कि इतनी बड़ी घटना हो जाएगी।

संदिग्ध पकड़ा

हालांकि यह मामला अज्ञात हत्यारे के खिलाफ दर्ज किया गया है। बावजूद इसके पुलिस ने फिरोज के घर से कुछ दूरी से एक संदिग्ध व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उसके साथ कुछ दिन पहले फिरोज की कहासुनी हुई थी।

रात से सुबह तक खुद लगे रहे एसपी

एसपी दिनेश कुमार पी खुद बालक की बरामदगी कराने में लगे रहे। वह रात में परिजनों से मिले। सुबह शव मिलने पर मौके पर पहुंचे। सख्त कार्रवाई के आदेश पर वह डीआइजी की बैठक में सहारनपुर रवाना हो गए। एसपी के आदेश पर कई घोड़ा तांगा चालकों को उठाकर पुलिस ने पूछताछ शुरू की है।

फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची

एसपी के आदेश पर मुजफ्फरनगर से फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची। टीम ने अफसरों की मौजूदगी में अपनी कार्रवाई की।

chat bot
आपका साथी