18 या 20 को शामली में आ सकते हैं मुख्यमंत्री

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामली आगमन के कार्यक्रम पर देर शाम तक मुहर नहीं लग पाई। अब अनुमान है कि मुख्यमंत्री शनिवार या सोमवार को जनपद में आ सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:11 PM (IST)
18 या 20 को शामली में आ सकते हैं मुख्यमंत्री
18 या 20 को शामली में आ सकते हैं मुख्यमंत्री

शामली, जागरण टीम। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामली आगमन के कार्यक्रम पर देर शाम तक मुहर नहीं लग पाई। अब अनुमान है कि मुख्यमंत्री शनिवार या सोमवार को जनपद में आ सकते हैं। गुरुवार को दिन भर पुलिस और प्रशासनिक अमला मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर कवायद में जुटे रहे।

जनपद के कैराना में मुख्यमंत्री का दौरा प्रस्तावित है। पुलिस-प्रशासन इस कार्यक्रम को लेकर हाई अलर्ट मोड पर है। कैराना में मुख्यमंत्री पीएसी केंद्र का उद्घाटन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने करीब दो साल पहले ही पांच सौ बीघा जमीन ली थी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर इस मैदान को साफ करा लिया गया है। यहां पर दिन-रात सफाई का काम चल रहा है। जिलाधिकारी जसजीत कौर और एसपी सुकीर्ति माधव यहां का कई बार निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके अलावा कैराना स्थित राजकीय पथिक महाविद्यालय में हेलीपैड बनाने को लेकर भी तैयारियां की जा चुकी है। 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अलीगढ़ में कार्यक्रम था। उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद ही मुख्यमंत्री के दौरे पर अंतिम मुहर लगेगी। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने पिछले चार सालों में कैराना विधानसभा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों का विवरण भी मांगा था। अफसरों ने यह ब्यौरा भेज दिया है। इसके अलावा जनपद में होने वाले शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रमों का विवरण भी मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया है।

हालांकि जिलाधिकारी और एसपी सुकीर्ति माधव का कहना है कि अभी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। उनका कहना है कि सूचना मिली है कि मुख्यमंत्री जनपद में कभी भी आ सकते हैं। उनके दौरे के मद्देनजर जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है। उधर, मुख्यमंत्री के आगमन से ठीक पहले भाजपा में बगावत होने से पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी असहज हैं। कई बार संपर्क करने के बाद ही जिलाध्यक्ष सतेंद्र तोमर ने फोन ही रिसीव नहीं किया।

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