बढ़ने लगा यमुना का जलस्तर, बाढ़ चौकियां बनाई

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कैराना और ऊन तहसील के 30 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा होता है। यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने लगी है। बाढ़ सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने दोनों तहसील क्षेत्र में आठ बाढ़ चौकी बनाई हैं। अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:46 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:46 PM (IST)
बढ़ने लगा यमुना का जलस्तर, बाढ़ चौकियां बनाई
बढ़ने लगा यमुना का जलस्तर, बाढ़ चौकियां बनाई

शामली, जागरण टीम। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कैराना और ऊन तहसील के 30 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा होता है। यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने लगी है। बाढ़ सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने दोनों तहसील क्षेत्र में आठ बाढ़ चौकी बनाई हैं। अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी गई है। लेकिन अभी तटबंधों की मरम्मत का काम पूरा नहीं हुआ है। कमजोर एवं क्षतिग्रस्त तटबंधों के कारण लोगों को चिता सताने लगी है। ड्रेनेज विभाग की ओर से मरम्मत कराई जा रही है। वहीं, कृष्णा नदी में भी जलस्तर बरसात में बढ़ता है। ऐसे में दो काबड़ौत व थानाभवन में भी बाढ़ चौकी बनाई गई है।

ड्रेनेज विभाग के सहायक अभियंता ओंकार सिंह ने बताया कि पब्लिक इंटर कालेज कैराना को बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है। जहां 200 लोगों के ठहरने की क्षमता है। कालेज को ही सेना-पीएसी के ठहरने के लिए चयनित किया है। झिझाना में राष्ट्रीय शिक्षा सदन इंटर कालेज और जय सीताराम इंटर कालेज को राहत केंद्र बनाया गया है। बाढ़ चौकियों पर नायब तहसीलदार, ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल आदि अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती प्रशासन ने की है। तटबंधों की मरम्मत का कार्य चल रहा है। मरम्मत कार्य के लिए अधिक बजट के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा हुआ है।

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ऊन तहसील क्षेत्र

बाढ़ चौकी, 04

गांवों की सूची, बिड़ौली, चौसाना, ऊदपुर, मंगलौरा, मुस्तफाबाद, नाई नगला, भट्टी माजरा, म्यान, केरटू, औदरी, बसी, चुंधियारी, साल्हापुर, सकौती। कैराना तहसील क्षेत्र

बाढ़ चौकी, 04

गांवों की सूची, फतेहपुर, बल्हेड़ा, चौंतरा, कबीरपुर, कलरी, इस्सोपुर खुरगान, बसेड़ा, मंडावर, पठेड, रामडा, मोहम्मदपुर राई, मवी, नगला राई, हैदरपुर, मामौर, डुंडुखेड़ा, इस्सोपुर।

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दो बाढ़ चौकी शामली क्षेत्र में

कृष्णा नदी में वैसे तो पानी अधिक नहीं होता है, लेकिन बरसात में जलस्तर बढ़ जाता है। ऐसे में बाढ़ सुरक्षा के लिए थानाभवन और काबड़ौत में बाढ़ चौकी बनाई गई।

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228.20 मीटर पर यमुना

सोमवार को यमुना नदी में कैराना पुल पर जलस्तर समुंद्र तल से 227.90 मीटर चल रहा था, लेकिन मंगलवार को जलस्तर 228.20 मीटर हो गया है। चेतावनी बिदु 231.00 मीटर है और खतरे का निशान 231.50 मीटर है। अगस्त 2019 में आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया था और यमुना खतरे के निशान से काफी ऊपर बही थी। कैराना क्षेत्र में कई गांवों के किसानों की फसलें नष्ट हो गई थी। वर्ष 2018 में भी जलस्तर काफी बढ़ा था, लेकिन पिछले साल जलस्तर में बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई थी।

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दो साल पहले हुआ था काफी नुकसान

कैराना: दो साल पहले कैराना खादर क्षेत्र के गांव हैदरपुर, रामड़ा, नंगलाराई, मामौर, बसेड़ा, मोहम्मदपुर राई, इस्सोपुर खुरगान, मंडावर आदि यमुना खादर इलाके में किसानों की धान, मिर्च आदि की फसल नष्ट हो गई थी। कलरी गांव में तो बाढ़ सुरक्षा के लिए बनाई गई ठोकरें भी पानी में डूब गई थी। उफनाई यमुना ने भारी नुकसान किया था।

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