बायोमेडिकल कचरे से संक्रमित हो सकती है सीएचसी

सीएचसी शामली में आने वाले मरीज और बीमार हो सकते हैं क्योंकि यहां साफ-सफाई की व्यवस्था बेपटरी है। बायोमेडिकल कचरा भी बेतरतीब ढंग से इधर-उधर फैला रहता है और मानकों का पालन नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:57 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 08:57 AM (IST)
बायोमेडिकल कचरे से संक्रमित हो सकती है सीएचसी
बायोमेडिकल कचरे से संक्रमित हो सकती है सीएचसी

शामली, जेएनएन। सीएचसी शामली में आने वाले मरीज और बीमार हो सकते हैं, क्योंकि यहां साफ-सफाई की व्यवस्था बेपटरी है। बायोमेडिकल कचरा भी बेतरतीब ढंग से इधर-उधर फैला रहता है और मानकों का पालन नहीं हो रहा है।

जिला अस्पताल अभी शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामली में ही मरीजों की संख्या सबसे अधिक होती है। लेकिन यहां हर तरह की अव्यवस्था हावी हैं। चिकित्सकों के समय पर ओपीडी में न आने की दिक्कत तो है ही, साथ ही सफाई पर भी कोई ध्यान नहीं है। कुछ दिन पहले अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. अनीता जोशी ने औचक निरीक्षण किया था। बायो मेडिकल कचरे के प्रबंधन की व्यवस्था खराब दिखने पर कड़ी नाराजगी जताई थी और दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। कहीं कचरा जमीन पर पड़ा रहता है तो कहीं पर खुले कूड़ेदान में। जगह-जगह इस्तेमाल की गई खून लगी रुईं भी पड़ी रहती है। नियम ये है कि सुई, मानव ऊतक, उपचार में इस्तेमाल किए ग्लब्ज, सीरींज आदि को अलग-अलग रंग डिब्बों में डाला जाता है। क्योंकि उक्त सभी से गंभीर संक्रमण हो सकते हैं। लेकिन किसी का कोई ध्यान नहीं है। सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद्रा ने बताया कि सीएचसी में सुबह के बाद ओपीडी खत्म होने पर सफाई होती है। बायोमेडिकल कचरा मानक के अनुसार ही एकत्र किया जाता है। अगर कहीं कोई कमी है तो उसे दूर किया जाएगा।

-बाइक सवार बाप-बेटी घायल

ऊन क्षेत्र के हथछोआ निवासी सहजपाल अपनी बेटी के साथ बाइक पर ऊन आ रहा था। ऊन बाइपास पर भट्टे के पास मोड़ पर सामने से तेज गति से आ रहे ट्रैक्टर ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें राहगीरों ने ऊन सीएचसी में भर्ती कराया। ऊन चौकी पुलिस का कहना है कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

chat bot
आपका साथी