ईंट भट्ठा मजदूरों ने पथाई रेट बढ़ाने को भरी हुंकार
ईट पथाई रेट 576 रुपये करने की मांग को भट्ठा मजदूरों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। मजदूरों का आरोप है कि उन्हें पथाई रेट कम दिया जा रहा है। कई बार ज्ञापन देने के बावजदू उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है।
शामली, जागरण टीम। ईट पथाई रेट 576 रुपये करने की मांग को भट्ठा मजदूरों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। मजदूरों का आरोप है कि उन्हें पथाई रेट कम दिया जा रहा है। कई बार ज्ञापन देने के बावजदू उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगे पूरी न की गई तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
शुक्रवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर ईट भट्ठा कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने र्ईट पथाई रेट 576 रुपये करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। यूनियन के मंडल संयोजक व महामंत्री बाबूराम कामरेड ने कहा कि वर्तमान में जनपद शामली के भट्ठा मजदूरों को मालिक 520 रुपये मजदूरी दे रहे हैं। जबकि उत्तर प्रदेश के श्रमायुक्त कानपुर व श्रम मंत्री प्रदेश सरकार व सह सचिव श्रम द्वारा मजदूरों के ईंट पथाई रेट 576 रुपये निर्धारित किए गए हैं, लेकिन जनपद शामली के भट्ठा मालिकों ने शासनादेश का पालन नहीं किया है। उन्हें 576 की मजदूरी नहीं दी जा रही है। इस संबंध में सहायक श्रमायुक्त को भी प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन केवल आश्वासन ही दे रहे हैं। इसलिए उन्हें धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा। ज्ञापन देने वालों में मेघराज, देशपाल, सुभाष, सुरेशपाल, सतीश, सुभाष, कुलदीप, मोहित आदि शामिल रहे।
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वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों की हालत दयनीय
शामली, जागरण टीम।
माध्यमिक शिक्षक संघ की जिलास्तर पर बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों की कोरोना काल में हालत पर चर्चा की गई। सरकार से मदद की मांग की।
शुक्रवार को शामली के एक कालेज में शिक्षक संघ की बैठक हुई। जिलाध्यक्ष विनेश त्यागी ने कहा कि सरकार ने वित्तविहीन शिक्षकों की हालत को इतना बदतर बना दिया है, कि वह न तो शिक्षक कहलाने लायक रहे हैं, बल्कि बिना पगार के मजदूर बनकर रह गए हैं। सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री प्रवेंद्र कुमार ने कहा की वित्तविहीन शिक्षक की कोरोना काल में स्कूल के मालिकों ने हालत खराब कर दी है। आर्थिक रूप से उनकी कमर तोड़ दी है। स्कूल प्रबंधन छात्रों के अभिभावकों से फीस वसूलने का तो दबाव बना रहे हैं, लेकिन अपने स्कूलों में तैनात शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दे रहे हैं। सरकार को ऐसे शिक्षकों की सूध लेकर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। कहा कि उनका संगठन वित्तविहीन शिक्षकों की आवाज उठाने के लिए जल्दी ही 25 अगस्त को होने वाले धरना प्रदर्शन में रणनीति तैयार कर रहा है।