सावधान..जरा संभलकर करिए नवरात्र पर्व पर खरीदारी

पवित्र रमजान माह व नवरात्र पर्व शुरू होते ही मिलावटखोर एक बार फिर से सक्रिय हो चुके है। रमजान व नवरात्र पर्व पर सरसों का तेल देशी घी सामक के चावल और कुट्टू का आटा की डिमांड बढ़ जाती है। वहीं मावा व इससे बने सामान की भी मांग बढ़ती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 11:40 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 11:40 PM (IST)
सावधान..जरा संभलकर करिए नवरात्र पर्व पर खरीदारी
सावधान..जरा संभलकर करिए नवरात्र पर्व पर खरीदारी

जेएनएन, शामली: पवित्र रमजान माह व नवरात्र पर्व शुरू होते ही मिलावटखोर एक बार फिर से सक्रिय हो चुके है। रमजान व नवरात्र पर्व पर सरसों का तेल, देशी घी, सामक के चावल और कुट्टू का आटा की डिमांड बढ़ जाती है। वहीं मावा व इससे बने सामान की भी मांग बढ़ती है। ऐसे में मिलावटखोर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की ताक में है। जिले के दुकानदारों पर आंख मूंदकर भरोसा मत कीजिए, क्योंकि जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों की खूब बिक्री हो रही हैं।

जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने का काला कारोबार हो रहा हैं। विभिन्न खाद्य सामग्रियों में मिलावट की जा रही हैं। बीते साल 2020 से फरवरी माह तक आंकड़ों पर गौर करें तो कुल 119 नमूने लिए गए हैं। इनमें 72 नमनूों की जांच रिपोर्ट भी मिली हैं। इस माह भी कुछ रिपोर्ट मिल चुकी होगी। इसलिए करीब 30 रिपोर्ट लंबित चल रही हैं। 31 खोया, पनीर, मसालों, दूध आदि के नमूनें अधोमाकन पाए गए हैं। वहीं 12 नमूने असुरक्षित यानि सेहत के लिए बेहद हानिकारक मिले हैं। तीन नमूने नियमों का उल्लघंन में मिलें हैं। विभागीय आकंडों के अनुसार 77 मुकदमें दायर कराए गए है। इनमें 53 वादों में अब तक 39 लाख 63 हजार का जुर्माना हो चुका हैं। अब मार्च माह में भी दर्जनों नमूने लिए गए है, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने पर मिलावटखोर सक्रिय हो रहे है। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो जिले के विभिन्न स्थानों पर शहर के भीतर अनजान गलियों, गांवों में दहकती मावा भट्ठियों, कुछ आटा चक्कियों और हरियाणा बार्डर के नजदीक के कुछ गांवों में जमकर मिलावटखोरी का धंधा चल रहा हैं। जिले के थानाभवन, शामली, कैराना, झिझाना, कांधला, ऊन ब्लाक क्षेत्र व कस्बों में नकली खाद्य पदार्थों को बनाकर मार्किट में धड़ल्ले से उतारा जा रहा है। त्योहारों पर यह अधिक सक्रिय हो जाते हैं। एडीएम अरविद कुमार सिंह ने कहा कि खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया जाता रहा है। प्रभावी कार्रवाई कराएंगे।

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ऐसे होती है मिलावट

मिलावटी मावा बनाने के लिए दूध की बजाय पाउडर, रसायन, उबले आलू, शकरकंद, रिफाइंड तेल का अधिक प्रयोग होता हैं, जबकि सिथैटिक दूध बनाने में पानी में डिटर्जेट पाउडर, तरल जेल, चिकनाहट के लिए रिफाइंड, मोविल आयल व एसेंट पाऊडर डालते हैं। यूरिया का घोल व उसमें पाउडर और मोविल आयल डालकर भी सिथेटिक दूध तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है। इससें नकली मावा व पनीर तैयार किया जाता है, जो कम कीमत पर तैयार हो जाता है और असली खोये के भाव में बिकता है। नकली कोल्ड ड्रिक्स की सप्लाई भी गर्मी में धडल्ले से होती हैं।

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- अनुज सैनी

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