सावधान..कहीं मौसम का बदलाव कर न दे बीमार

शामलीजेएनएन। दो तीन दिनों से मौसम रोज बदल रहा है। कभी शीतलहर चल रही है तो कभी कोहरा पड़ रहा है। वहीं बीच-बीच में धूप भी निकल रही है। कोरोनाकाल में मौसम में हो रहा यह बदलाव सेहत पर भारी पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 11:25 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 11:25 PM (IST)
सावधान..कहीं मौसम का बदलाव कर न दे बीमार
सावधान..कहीं मौसम का बदलाव कर न दे बीमार

शामली,जेएनएन।

दो तीन दिनों से मौसम रोज बदल रहा है। कभी शीतलहर चल रही है तो कभी कोहरा पड़ रहा है। वहीं बीच-बीच में धूप भी निकल रही है। कोरोनाकाल में मौसम में हो रहा यह बदलाव सेहत पर भारी पड़ सकता है। लिहाजा सावधान रहने की जरूरत है।

कड़ाके की ठंड व कोहरे के बीच अब मौसम में धीरे-धीरे बदलाव शुरू हो गया है। सुबह में कोहरा व शीतलहर रहती है तो वहीं दिन में धूप भी निकलने लगी है। इसके बाद सायं होते ही फिर से वहीं सिलसिला शुरू हो जाता है। मौसम में हो रहे इस बदलाव से बीमारियों में भी इजाफा होने की प्रबल संभावनाएं है। इन दिनों चिकित्सालयों में भी अधिक मरीज पहुंचने लगे है। चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

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खानपान का रखे ख्याल

फिजिशियन डा. रविद्र तोमर ने बताया कि यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो मौसम का बदलाव काफी प्रभावित करता है। मौसम में परिवर्तन स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इसलिए खान-पान का विशेष ख्याल रखें। कोई परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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दिल-सांस के मरीज बरते सावधानी

फिजिशियन डा. गुरदीप सैनी का कहना है कि मौसम में यह बदलाव बुखार, खांसी, जुकाम के अलावा दिल, सांस व ब्लडप्रेशसर के मरीजों के लिए खतरनाक है। बुजुर्गों व बच्चों को भी इसमें खास ख्याल रखने की जरूरत है। गर्म पेय पदार्थ ज्यादा लें। इसके साथ ही शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें।

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यह हो सकती हैं बीमारी

सर्दी व जुकाम तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से आम बीमारी है। बुखार व फ्लू की शुरुआत गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में सूजन और दर्द से होती है। कोविड-19 के प्रकोप से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। मास्क व सैनिटाइजर के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का विशेष ख्याल रखे। कोई परेाशानी होने पर चिकित्सकों की सलाह ले।

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बच्चों के प्रति रहे सजग

बाल रोग विशेषज्ञ डा. वेदभानु मलिक के मुताबिक, मौसम के बदले मिजाज से बच्चों को भी दिक्कत हो जाती है। इसलिए बच्चों का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। अचानक बारिश व शीतलहर में सतर्कता बरते। बच्चों को न भीगने दे। वहीं बाहर की चीजें खाने से परहेज करें। गीले कपड़े न पहनाएं। इसके साथ ही कोई दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

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चिकित्सालयों में पहुंच रहे मरीज

बदले मौसम के बाद अस्पतालों में ओपीडी भी काफी बढ़ गई। सीएचसी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या पिछले सप्ताह की अपेक्षा 20 से 30 बढ़ गई है। इनमें बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की तादाद काफी है। इनमें बुखार, खांसी और जुकाम के मरीज ज्यादा है।

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