एक महीने बाद आई एंटी रेबीज वैक्सीन
जेएनएन शामलीएंटी रेबीज वैक्सीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आ गई है। एक माह से वैक्सीन खत्म थी और ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सोमवार को कुत्ता काटने पर काफी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे।
जेएनएन, शामली,एंटी रेबीज वैक्सीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आ गई है। एक माह से वैक्सीन खत्म थी और ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सोमवार को कुत्ता काटने पर काफी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे।
शामली शहर के साथ पूरे जिले में आवारा कुत्तों का आतंक है। वैसे तो बंदरों की भी समस्या है, लेकिन अधिकांश मामले कुत्ते काटने के होते हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन का टोटा बना रहता है। सीएचसी शामली में वैक्सीन 28 जनवरी को खत्म हो गई थी। रोजाना 15 से 20 मरीज आते थे और वापस लौट जाते थे। कुछ मेडिकल स्टोर से खरीदकर वैक्सीन लगवाते थे तो कुछ इंतजार करते थे कि कब सीएचसी में उपलब्धत होगी। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में तो वैक्सीन निश्शुल्क लगती है, लेकिन मेडिकल स्टोर से एक डोज ही 300 से 350 रुपये की मिलती है। एक मरीज को तीन डोज लगाई जाती हैं। सोमवार को सुबह वैक्सीन पहुंची और दोपहर दो बजे तक 22 लोगों को लगाई गई। अन्य सीएचसी में भी वैक्सीन भेजी गई है। सीएचसी शामली के चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद्रा ने बताया कि वैक्सीन अब पर्याप्त है। अब मरीजों को दिक्कत नहीं रहेगी।
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बाहर से खरीदकर ले आए
खंद्रावली निवासी अंसार को चार दिन पहले गांव में ही कुत्ते ने काट लिया था। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले वह आए थे तो वैक्सीन खत्म थी। तब तो ऐसे ही घर लौट गए। परिचितों ने कहा कि लापरवाही न करें। इसलिए सोमवार को मेडिकल स्टोर से वैक्सीन लेकर सीएचसी गए। पता चला कि वैक्सीन यहां भी आ गई है।
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दस दिन में लगवा लें पहली डोज
सीएचसी के चिकित्सक डा. विजेंद्र ने बताया कि रेबीज एक खतरनाक वायरस है। इसलिए लापरवाही नहीं करनी चाहिए। कुत्ता-बंदर के काटने पर दस दिन के भीतर वैक्सीन लगवा लें। कोशिश करें कि उसी दिन लगवा लें। जख्म को साफ पानी से धोएं और कोई पट्टी आदि न लगाएं।