एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, मरीजों को हुई परेशानी

छह सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने रविवार रात 12 बजे से हड़ताल शुरू कर दी है। जिला संयुक्त अस्पताल में सभी एंबुलेंस खड़ी कर प्रदर्शन भी किया। हड़ताल से मरीजों को दिक्कत रहीं। हालांकि तीन एंबुलेंस को अति आवश्यक सेवा के लिए हड़ताल से बाहर रखा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:35 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:35 PM (IST)
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, मरीजों को हुई परेशानी
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, मरीजों को हुई परेशानी

शामली, जागरण टीम।

छह सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने रविवार रात 12 बजे से हड़ताल शुरू कर दी है। जिला संयुक्त अस्पताल में सभी एंबुलेंस खड़ी कर प्रदर्शन भी किया। हड़ताल से मरीजों को दिक्कत रहीं। हालांकि तीन एंबुलेंस को अति आवश्यक सेवा के लिए हड़ताल से बाहर रखा गया है।

जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर 23 जुलाई से धरना-प्रदर्शन हुआ था। हालांकि जिले में शनिवार को ही सीएचसी शामली में प्रदर्शन किया था। प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश पर रविवार रात 12 बजे से ही कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। सोमवार सुबह सभी कर्मचारी एंबुलेंस लेकर जिला संयुक्त अस्पताल पहुंचे और वहां पर खड़ी कर दी गई। संघ के जिलाध्यक्ष अमित बालियान ने बताया कि शासन एंबुलेंस कर्मचारियों की नहीं सुन रहा है। मजबूरन हमें हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ा। हमारा मकसद मरीजों को परेशान करना नहीं है। इसलिए 108 सेवा की तीन एंबुलेंस को हड़ताल में शामिल नहीं किया, जिससे किसी की जान को खतरा न हो।

सीएमओ और जीवीके कंपनी मुख्यालय को हड़ताल से बाहर रखी गईं एंबुलेंस के वाहन नंबर, कर्मचारियों के नंबर के बारे में पत्र भेजा गया है। तीनों एंबुलेंस ने शाम तक हृदय, डिलीवरी और दुर्घटना के दस से अधिक मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया। डिलीवरी के वही केस लिए गए, जो अत्यंत आवश्यक थे। जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने संगठन के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया है। इस दौरान हरेंद्र मलिक, नितिन मलिक, प्रदीप, जितेंद्र सिंह, विकास, कमल, आशीष, ब्रजवीर व बृजभूषण आदि मौजूद रहे।

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जिले में 28 एंबुलेंस

जिले में कुल 28 एंबुलेंस हैं। 108 सेवा की 11, 102 सेवा की 15 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की दो एंबुलेंस हैं। 108 एंबुलेंस से सड़क दुर्घटना व अन्य इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को अस्पताल लाया जाता है। 102 सेवा गर्भवती महिलाओं के लिए है। एएलएस में मिनी आइसीयू होता है और गंभीर स्थिति वाले मरीजों को ले जाया जाता है।

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एंबुलेंस कर्मियों की मांगें

- एएलएस एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी बदलने न बदला जाए। अनुभवी कर्मचारियों को ही रखा जाए।

-एंबुलेंस कर्मियों को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए।

-सभी एंबुलेंस कर्मचारियों को एनएचएम में समायोजित किया जाए।

-जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक के लिए न्यूनतम वेतन, चार घंटे का ओवरटाइम, प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता दिया जाए।

-कोरोना संक्रमण से जान गंवाने कर्मचारियों के स्वजन को 50 लाख रुपये की बीमा धनराशि दी जाए और सरकार भी आर्थिक मदद करे।

-कर्मचारियों से प्रशिक्षण शुल्क के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट न लिया जाए।

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अभी नहीं आया डाटा: ललित जोशी

एंबुलेंस सेवा के जिला प्रभारी ललित जोशी ने बताया कि वैसे तो औसतन प्रतिदिन 75 से 80 और 102 सेवा की 100 से अधिक काल आती हैं। सोमवार को कितनी काल आई और कितने काल पर एंबुलेंस गई हैं, इसका डाटा रात्रि 12 बजे के बाद मिलता है।

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