प्रदेश का पुनर्गठन कर अलग बने पश्चिमांचल राज्य

उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में पहुंचकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पृथक पश्चिमांचल राज्य का गठन करने की मांग दोहराई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:27 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:27 PM (IST)
प्रदेश का पुनर्गठन कर अलग बने पश्चिमांचल राज्य
प्रदेश का पुनर्गठन कर अलग बने पश्चिमांचल राज्य

शामली, जागरण टीम। उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में पहुंचकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पृथक पश्चिमांचल राज्य का गठन करने की मांग दोहराई। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन डीएम जसजीत कौर को सौंपा।

बुधवार को कलक्ट्रेट में उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डा.वीके शर्मा के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पृथक पश्चिमांचल राज्य के गठन की मांग की। डा. वीके शर्मा ने कहा कि आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तर प्रदेश इतना बड़ा राज्य है कि 23 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या के साथ दुनिया के पांचवें सबसे बडे़ देश के समकक्ष है। उत्तर प्रदेश में 75 जनपद, 822 ब्लाक और 52 हजार ग्राम पंचायत हैं। इसके चलते आजादी के 71 साल बाद भी कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास के हर पैमाने पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा पिछड़ा हुआ है। उदाहरण के तौर पर पड़ोसी राज्य हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय लगभग दो लाख रुपये है, जबकि उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय मात्र 50 हजार ही है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से 700 किलोमीटर तक की दूरी है। प्रदेश के सभी विभागों के मुख्यालय लखनऊ और इलाहाबाद में है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी विभाग का मुख्यालय नहीं है। कहा कि उच्च न्यायालय भी कई जिलों से 850 किलोमीटर दूर है। इससे लोगों को मुकदमें की पैरवी के लिए हाईकोर्ट पहुंचने में समय और धन दोनों खर्च करना पड़ता है। इसलिए इसे पश्चिमांचल के रूप में अलग राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों को मिलाकर अलग से पृथक राज्य बनाने हेतु संवैधानिक प्रक्रिया शुरू करने व इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द राष्ट्रपति से मंजूर करवाने की मांग की। इस अवसर पर सन्नी निर्वाल, प्रभात कुमार, सतेन्द्र सिंह देशवाल, रवि, मुकेश कुमार गर्ग आदि भी मौजूद रहे।

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