पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंक का एक अध्याय समाप्त
शामली की कैराना कोतवाली क्षेत्र के गाव जहानपुर निवासी दो लाख का इनामी रहे मुकीम काला शामली में आतंक का पर्याय था। उसके खिलाफ पउप्र हरियाणा उत्तराखंड दिल्ली में हत्या लूट व डकैती जैसे गंभीर धाराओं के 61 मुकदमे दर्ज थे।
जेएनएन, शामली। शामली की कैराना कोतवाली क्षेत्र के गाव जहानपुर निवासी दो लाख का इनामी रहे मुकीम काला शामली में आतंक का पर्याय था। उसके खिलाफ पउप्र, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली में हत्या, लूट व डकैती जैसे गंभीर धाराओं के 61 मुकदमे दर्ज थे। वह और उसका गिरोह रंगदारी मागने व हत्या करने में कुख्यात था। इसके आतंक से आजिज आकर व्यापारियों ने कैराना से पलायन करना शुरु कर दिया था। सहारनपुर में तनिष्ट ज्वैलर्स डकैती कांड का भी यह मुख्य आरोपित था। मुकीम काला के खात्मे से शामली समेत आसपास के जिले के व्यापारियों और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
मुकीम ने सहारनपुर निवासी मुस्तफा कग्गा के गिरोह में रहकर अपराध का ककहरा सीखा। कग्गा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसने अपना गिरोह बनाया था। गिरोह के सदस्य रंगदारी न देने पर व्यापारी की हत्या कर देते थे। कैराना निवासी दो ममेरे फुफेरे भाइयों शिवकुमार व राजेंद्र की हत्या की थी। गिरोह के दुस्साहस का आलम यह था कि मुकीम व उसके साथियों ने सात साल पहले सहारनपुर में सीओ पर हमला कर उनके गनर की काइबाइन लूट ली थी। उसके आतंक के चलते कैराना से व्यापारियों ने पलायन शुरू कर दिया था। 30 अप्रैल 2016 को 346 परिवारों की पलायन की सूची पूर्व सासद हुकुम सिंह ने जारी की थी। इसके बाद से यह गिरोह पूरी तरह से सुर्खियों में आया था। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुठभेड़ का सिलसिला शुरू हुआ तो इसमें इस गिरोह के कई शूटर मारे गए। मुकीम का एक लाख का इनामी साथी साबिर जंधेडी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इस दौरान कैराना कोतवाली में तैनात सिपाही अंकित भी शहीद हुआ था। मुकीम काला को हरियाणा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। उस समय उसके पास से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ था। उसने अपने गिरोह के साथ सहारनपुर में करोड़ों की संपत्ति लूटी थी। काफी समय से वह सहारनपुर जेल में बंद था। कुछ समय पहले उसे चित्रकूट जेल में स्थानातरण किया गया था।