थानाभवन घर में खड़ी बुलेट, मुजफ्फरनगर पुलिस ने काटा चालान

गुरुवार को एक मामला ऐसा सामने आया है जिसमें एक युवक की बुलेट बाइक उसके घर में खड़ी है लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस ने उसकी बुलेट का चालान काट दिया। बुलेट मालिक ने थानाभवन पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 11:07 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:07 PM (IST)
थानाभवन घर में खड़ी बुलेट, मुजफ्फरनगर पुलिस ने काटा चालान
थानाभवन घर में खड़ी बुलेट, मुजफ्फरनगर पुलिस ने काटा चालान

शामली, जागरण टीम। गुरुवार को एक मामला ऐसा सामने आया है, जिसमें एक युवक की बुलेट बाइक उसके घर में खड़ी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस ने उसकी बुलेट का चालान काट दिया। बुलेट मालिक ने थानाभवन पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

थानाभवन नगर के मोहल्ला कस्सावान निवासी बिलाल पुत्र जमशेद ने थाने में तहरीर दी कि पीड़ित के पास क्क 19 स्न-4527 नंबर की एक बुलेट है। वह गन मेटल रंग व क्लासिक माडल है। जो उसी के घर में खड़ी है। पुलिस ने उसे सूचना दी कि उसकी बाइक पकड़कर चालान किया गया है। जानकारी करने पर पता चला कि थानाभवन का ही एक युवक जो हाल में मुजफ्फरनगर के खालापार में रह रहा है। उसने बिना बताए उसकी बुलेट के नंबर अपनी बुलेट पर लिख लिए हैं। वह अपनी बुलेट दौड़ाता घूम रहा है। उसकी बाइक मुजफ्फरनगर में चेकिग के दौरान पकड़ी गई। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसके पास चार अन्य वाहन हैं। उसे डर है कि कहीं भविष्य में उसको किसी अन्य परेशानी का सामना न करना ना पड़ जाए। पीड़ित ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने उसे कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

नफरत के जज्बे से हासिल नहीं होती बरकतें

संवाद सूत्र, कैराना : सामाजिक कार्यकर्ता वाजिद मंसूरी ने बताया कि रम•ान का महीना बेशक बरकतों वाला महीना है मगर इस महीने की बरकतें तब तक नहीं मिल सकतीं जब तक आदमी दूसरों से नफ़रत करना नहीं छोड़ दें। उन्होंने बताया कि जिस दिल में किसी एक इंसान से भी नफ़रत का ज•बा हो, वह इंसान कभी रम•ान की बरकतें हासिल नहीं कर सकता।

वाजिद मंसूरी ने कहा कि रोजे का मक़सद आध्यात्मिक शुद्धि है। जो नफ़रत और हिसा जैसी बुराइयों का शिकार होकर जी रहे हों, उन्हें आध्यात्मिक शुद्धि की प्राप्ति कैसे हो सकती है। वाजिद मंसूरी ने अपील करते हुए कहा कि रम•ान में अध्यात्मिक शुद्धि के लिए क़ुरआन को पढ़कर समझना आवश्यक है। हर रोजेदार को रम•ान में कुरआन पढ़ना चाहिए। रोजे के तहत इंसान को झूठ, फरेब, साजिश और गलत भावनाओं से किनारा करना चाहिए। इनसे लोग जितने दूर होंगे, वे अल्लाह के उतने ही करीब होंगे।

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