जिले में धान की 47.52 मीट्रिक टन हुई खरीद

हरियाणा जाने से किसानों को रोका जा रहा है। ऐसे में जिले के केंद्रों पर धान की खरीद बढ़ने लगी है। मंगलवार को 47.52 मीट्रिट टन खरीद हुई और कुल खरीद 52.60 मीट्रिक टन हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:27 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:27 PM (IST)
जिले में धान की 47.52 मीट्रिक टन हुई खरीद
जिले में धान की 47.52 मीट्रिक टन हुई खरीद

जेएनएन, शामली। हरियाणा जाने से किसानों को रोका जा रहा है। ऐसे में जिले के केंद्रों पर धान की खरीद बढ़ने लगी है। मंगलवार को 47.52 मीट्रिट टन खरीद हुई और कुल खरीद 52.60 मीट्रिक टन हो चुकी है।

जिले में धान खरीद के लिए सात केंद्र बनाए गए हैं और एक अक्टूबर से खुल गए थे। लेकिन काफी दिन तक कोई खरीद नहीं हुई थी। सोमवार तक दो किसान से 4.40 मीट्रिक टन खरीद हो सकी थी। हरियाणा की मंडियों में मोटे धान की खरीद उत्तर प्रदेश के किसानों से नहीं की जा रही है और बार्डर पर रोका जा रहा है। इसलिए अब जिले के केंद्रों पर किसान आने लगे हैं। हालांकि पोर्टल में दिक्कत है तो आफलाइन खरीद ही हुई। तकनीकी समस्या दूर होने पर डाटा अपलोड कर दिया जाएगा। अब तक आनलाइन 390 किसान पंजीकरण करा चुके हैं। लेकिन हरियाणा के आढ़तियों से पुराने संबंध, जरूरत होने पर एडवांस धनराशि मिलने आदि कारणों के कारण किसानों की दिलचस्पी वहीं पर धान-गेहूं बेचने की होती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सामान्य यानी मोटे धान का 1940 और ए-ग्रेड मोटे धान का 1960 रुपये प्रतकुंतल है। किसान स्थानीय केंद्र के लिए भी पंजीकरण करा लेते हैं, लेकिन कोशिश हरियाणा जाने की ही रहती है। पिछले साल भी जब हरियाणा जाने से किसानों को रोका गया था और जिले में खरीद बढ़ी थी। पिछले साल रिकार्ड खरीद हुई थी और 355 किसानों ने 1047 मीट्रिक टन धान बेचा था।

नोडल अधिकारी एडीएम अरविद कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 18 किसानों से खरीद हुई है, जिनका कुल भुगतान 9.98 लाख रुपये बैठता है। केंद्रों का अधिकारी आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा भी ले रहे हैं।

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