शामली में 4205 लोगों ने लगवाया कोरोनारोधी टीका

जिले में शनिवार को 49 केंद्रों पर कोरोनारोधी टीके लगाए गए। 4205 लोगों का टीकाकरण हुआ जबकि लक्ष्य दस हजार के टीकाकरण का रखा गया था। 1848 को पहली और 2357 को दूसरी डोज लगी। रविवार को भी टीकाकरण होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:53 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:53 PM (IST)
शामली में 4205 लोगों ने लगवाया कोरोनारोधी टीका
शामली में 4205 लोगों ने लगवाया कोरोनारोधी टीका

शामली, टीम जागरण। जिले में शनिवार को 49 केंद्रों पर कोरोनारोधी टीके लगाए गए। 4205 लोगों का टीकाकरण हुआ, जबकि लक्ष्य दस हजार के टीकाकरण का रखा गया था। 1848 को पहली और 2357 को दूसरी डोज लगी। रविवार को भी टीकाकरण होगा।

पिछले माह तक शनिवार को सीएचसी पर ही टीकाकरण होता था। लेकिन अब इस दिन भी मेगा कैंप हो रहे हैं। क्योंकि शासन के निर्देश अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द टीका लगाने के हैं।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. राजकुमार सागर ने बताया कि जिले में अब तक 650740 को पहली और 273208 को दूसरी डोज लग चुकी है। रविवार को जिले की 22 पीएचसी पर टीकाकरण होगा।

शिविर में लगाया गया कोरोनारोधी टीका

कस्बा ऊन के एक सभासद ने घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक किया एवं अपने वार्ड के 95 प्रतिशत लोगों वैक्सीन लगवाई।

शनिवार को कस्बा ऊन के शिवपुरी वार्ड से सभासद सोनू टिकैत ने वैक्सीन लगवाने के लिए कैंप का आयोजन किया। इसमें 165 लोगों को वैक्सीन लगवाई गई। सभासद ने बताया कि वो अपने वार्ड में इस तरह के चार कैंप लगवा चुके हैं और हर रोज लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करते हैं। उनके वार्ड में करीब 1700 लोग रहते हैं। इनमें से 1580 लोगों को वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लग चुकी है।

आइसीएमआर से स्वीकृति मिली, पासवर्ड-प्लेट का इंतजार

बीएसएल-2 लैब में अभी कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच होना शुरू नहीं हुई है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल (आइसीएमआर) से औपचारिक स्वीकृति भी मिल गई है, लेकिन अभी पासवर्ड और प्लेट नहीं आई हैं। जल्द ही इनके मिलने की उम्मीद है।

कांधला क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) जसाला में बीएसएल-2 लैब बनाई गई है। 21 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से वर्चुअल उद्घाटन भी कर दिया था। लैब में दो नान मेडिकल साइंटिस्ट और तीन तकनीशियन की नियुक्ति भी हो चुकी है। दरअसल, कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच को सबसे बेहतर माना जाता है। जिले में टूनेट मशीन से और रैपिड कार्ड से एंटिजन जांच होती है, लेकिन अक्सर इन जांच में रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है और आरटी-पीसीआर जांच में पाजिटिव आ जाती है। आरटी-पीसीआर जांच को सैंपल अभी तक मेडिकल कालेज मेरठ में भेजे जाते हैं। जसाला में बनी लैब में जांच शुरू होने के बाद रिपोर्ट जल्दी मिलने लगेगी। मेरठ से रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन तक लग जाते हैं। जब कोरोना का प्रकोप चरम पर था, तब तो रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से भी अधिक समय लगा था।

नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. जगमोहन ने बताया कि जांच शुरू होने से पहले आइसीएमआर से लाग इन आइडी और पासवर्ड भी मिलना है। जांच के लिए आवश्यक प्लेट भी जल्द मिल जाएंगे। उम्मीद है कि दो से तीन दिन में जांच का कार्य शुरू हो जाए।

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