तीसरी लहर से निपटने को 40 बेड का पीकू वार्ड तैयार
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तो कमजोर पड़ चुकी है लेकिन संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि बच्चों को तीसरी लहर अधिक प्रभावित कर सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी की हैं।
शामली, जागरण टीम। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तो कमजोर पड़ चुकी है, लेकिन संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि बच्चों को तीसरी लहर अधिक प्रभावित कर सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी की हैं। 40 बेड का पीकू वार्ड जिला संयुक्त अस्पताल में तैयार किया गया है।
जिला संयुक्त अस्पताल में ही 100 बेड का कोविड लेवल-2 चिकित्सालय संचालित है। दूसरी लहर में भी बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन अधिकांश घर में आइसोलेट रहते हुए ही ठीक हो गए थे। एक बच्चे की हालत बिगड़ी थी, लेकिन सरकारी अस्पताल में व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में निजी अस्पताल ग्लोबल शांति केयर में भर्ती कराया गया था। सरकार ने दूसरी लहर के दौरान ही निर्देश दिए थे कि पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड को तैयार किया जाए। जून माह में 21 बेड का यह वार्ड तैयार किया गया था, लेकिन अब बेड की संख्या 40 कर दी गई है। दस बेड पर वेंटीलेटर भी लगाए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सफल कुमार ने बताया कि दस आइसीयू और दस एचडीयू बेड हैं। आइसीयू बेड पर वेंटीलेटर है। एचडीयू यानी हाई डिपेंडेंसी यूनिट के बेड पर उन्हें रखा जाएगा, जिनका वेंटीलेटर हटेगा। 20 आइसोलेशन बेड हैं। जरूरत के हिसाब से बेड की संख्या को बढ़ा भी दिया जाएगा। चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सफल कुमार ने बताया कि पीकू वार्ड के लिए 45-45 चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स को विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया है। बताया गया कि बच्चों का उपचार एवं देखभाल किस तरह से करनी है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. रमेश चंद्रा, डा. रामबीर सिंह, डा. दिग्विजय को नोएडा में प्रशिक्षण दिया गया था, जिन्होंने यहां आकर अन्य चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षित किया। जरूरत पड़ने पर सीएचसी में तैनात बाल रोग विशेषज्ञों की ड्यूटी पीकू में लगाई जाएगी।