जितिन के प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने से इंजीनियरिग कालेज की उम्मीद जागी

जितिन प्रसाद के प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने से जनपद समेत रुहेलखंड को राजकीय इंजीनियरिग कालेज का तोहफा मिल सकता है। वर्षों से निर्माणाधीन जलालाबाद तहसील के राजकीय पालीटेक्निक के संचालन के लिए भी संजीवनी की उम्मीद जागी है। स्टाफ की कमी से जूझ रहे शाहजहांपुर तिलहर तथा पुवायां के पालीटेक्निक में नए पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी मिलना आसान हो जाएगा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 12:48 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 12:48 AM (IST)
जितिन के प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने से इंजीनियरिग कालेज की उम्मीद जागी
जितिन के प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने से इंजीनियरिग कालेज की उम्मीद जागी

जेएनएन, शाहजहांपुर : जितिन प्रसाद के प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने से जनपद समेत रुहेलखंड को राजकीय इंजीनियरिग कालेज का तोहफा मिल सकता है। वर्षों से निर्माणाधीन जलालाबाद तहसील के राजकीय पालीटेक्निक के संचालन के लिए भी संजीवनी की उम्मीद जागी है। स्टाफ की कमी से जूझ रहे शाहजहांपुर, तिलहर तथा पुवायां के पालीटेक्निक में नए पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी मिलना आसान हो जाएगा। आइटीआइ समेत तकनीकी संस्थानों को भी प्रगति के पंख लग सकते है।

जिले में कोई इंजीनियरिग कालेज नहीं है। जबकि बरेली समेत अन्य जिलों में एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय समेत निजी क्षेत्र के इंजीनियरिग कालेज हैं। लेकिन अब पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री बन जाने से राजकीय अभियंत्रण व प्रौद्योगिकी महाविद्यालय का सपना पूरा हो सकता है। प्रदेश में मात्र राजकीय महाविद्यालय विद्यालय व दो विश्वविद्यालय प्रदेश में निजी क्षेत्र के कई इंजीनियरिग कालेज हैं, लेकिन राजकीय क्षेत्र में डा. अब्दुल कलाम टेक्नीकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से संबद्ध छह महाविद्यालय है। जो सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, इटावा, झांसी, कन्नौज मं संचालित है। लखनऊ में इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिग एंड टेक्नलोजी कालेज (आइइटी) है। गोरखपुर इंजीनियरिग कालेज तथा हरकोट बटलर टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (एचबीटीआइ,) को विश्वविद्यालय का दर्जा मिल चुका है। बरेली मंडल के समेत शाहजहांपुर के समीपवर्ती सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी आदि क्षेत्रों में कोई भी राजकीय इंजीनियरिग कालेज नहीं है। शाहजहांपुर स्थित राजकीय पालीटेक्निक की 29 एकड़ जमीन पर ही यह सपना पूरा हो सकता है।

एग्रीकल्चर इंजीनियरिग पाठ्यक्रम का भी मिल सकता है तोहफा

शाहजहांपुर समेत पूरा रुहेलखंड कृषि बाहुल्य है। इसके बावजूद यहां पालीटेक्निक में एग्रीकल्चर इंजीनियरिग पाठ्यक्रम नहीं संचालित हे। प्रदेश में सीतापुर जनपद के महमूदाबाद में संचालित सहायता प्राप्त पालीटेक्निक में एग्रीकल्चर इंजीनियरिग की पढ़ाई होती है। इसके अलावा हंडिया प्रयागराज, गोरखपुर राजकीय पालीटेक्निक में पाठ्यक्रम को मंजूरी मिली है। रुहेलखंड समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में एग्रीकल्चर इंजीनियरिग की शाखा नहीं है। जितिन प्रसाद के मंत्री बनने से विद्यार्थियों के साथ आमजन में नई उम्मीद जागी है। राजकीय पालीटेक्निक में संचालित पाठ्यक्रम

शाहजहांपुर : सिविल, मेकेनिकल स्पेशल प्रोडक्शन, इलेक्ट्रानिक्स, केमिकल, कप्यूटर साइंस

पुवायां : इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल आटोमोबाइल, कारपेट टेक्नालोजी

तिलहर : मैकेनिकल आटोमोबाइल , इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस,

जलालाबाद : डिप्लोमा इन फार्मेसी, आर्किटेक्चरल असिस्टेंटशिप, सिविल इंजीनियरिग

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