स्टार्टअप के लिए संजीवनी साबित हो रही वेंचर पूंजी
उत्तर प्रदेश में इनोवेटिव स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं। आने वाले कुछ वर्षों में ये स्टार्टअप न सिर्फ अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेंगे। बल्कि प्रदेश के कायाकल्प में भी अहम योगदान देंगे लेकिन कई स्टार्टअप बैंकों की फाइलों में ही उलझकर रह गए।
जेएनएन, शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश में इनोवेटिव स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं। आने वाले कुछ वर्षों में ये स्टार्टअप न सिर्फ अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेंगे। बल्कि प्रदेश के कायाकल्प में भी अहम योगदान देंगे, लेकिन कई स्टार्टअप बैंकों की फाइलों में ही उलझकर रह गए। ऐसे नए प्रोजेक्ट के लिए वेंचर पूंजी संजीवनी साबित होगी। यह मानना है एसएस कालेज में वाणिज्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिजीत मिश्र का।
लखनऊ के डा. एपीजे अब्दुल तकनीकी विश्वविद्यालय से नए उद्योग लगाने में पूंजी की समस्या दूर करने के लिए वेंचर कंपनियों के योगदान पर पीएचडी हासिल करने वाले अभिजीत ने शोध में प्रदेश की 178 उन छोटी-बड़ी कंपनियों को शामिल किया जो वेंचर पूंजी प्रदान कर रही हैं। उन 300 स्टार्टअप व उद्योगों पर अध्ययन किया, जिन्होंने वेंचर पूंजी के माध्यम से जोखिम पूंजी प्राप्त की थी। विभिन्न आंकड़ों के प्रारंभिक स्तर पर प्रश्नोत्तरी व व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया गया कि इन कंपनियों से वित्तीय सुविधा साथ-साथ, तकनीकी ज्ञान, विपणन सुविधा, वाणिज्यिक गतिविधियों में प्रगति, विस्तार और उनके मानव संसाधन प्रबंधन में किस प्रकार सहयोग एवं मार्गदर्शन मिला।
विदेशों में सबसे सुलभ साधन
अभिजीत ने शोध के दौरान पाया कि उद्योगों की स्थापना, संचालन व विस्तार के लिए प्रतिभूति बाजार, पूंजी बाजार, बैंकों आदि से ऋण प्राप्त किया जाता है, लेकिन शुरुआती अवस्था में जब कोई व्यक्ति नई तकनीक, नए इनोवेशन या शोध पर आधारित उपक्रम या उद्योग लगाना चाहता है तब पूंजी निवेश प्राप्त करने की कठिनाई आती है। अमेरिका, जापान व चीन ने इसका समाधान वेंचर पूजी से किया। वहां इनोवेशन करने वाला कोई व्यक्ति अपना स्टार्टअप स्थापित करना चाहता है तो यह पूंजी ही सबसे सुलभ साधन होती है।
भारत में काफी पहले से चलन
अभिजीत के शोध में सामने आया कि कि भारत में वेंचर पूंजी प्रदान करने वाले संस्थान व कंपनियों का चलन कई दशक पूर्व था। धीरे-धीरे इनकी भूमिका व्यापक होती जा रही है। वॉटर सप्लाई, सीवेज, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पर्यटन, कृषि आधारित उत्पाद, हेल्थकेयर, सप्लाई चेन, मैनेजमेंट आदि के क्षेत्र में इसके लिए संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भता की दृष्टि से प्रत्येक जिले में एक इससे या अधिक उत्पाद को अगर उचित वित्तपोषण, विपणन, तकनीकी सुविधायें व वित्तीय सलाह मिले। ग्राहक व उपभोक्ता के अनुकूल माहौल बनाया जाए तो वेंचर पूंजी के माध्यम से नई औद्योगिक क्रांति लायी जा सकती है। सेवा एवं उत्पाद की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश का एक सबसे विकसित प्रदेश बन सकता है।
क्या है वेंचर पूंजी
किसी फर्म या कंपनी से नए स्टार्टअप को पूंजी मिलती है तो उसे वेंचर पूंजी कहते हैं। जो पूंजी लगाते हैं उन्हें वेंचर कैपिटलिस्ट कहा जाता है। इनको निवेश के बदले कंपनी में इक्विटी या हिस्सेदारी मिलती है। वेंचर कैपलिस्ट स्टार्टअप करने में न सिर्फ आर्थिक अड़चन दूर कर रहे हैं बल्कि बाजार, शोध व आगे की संभावनाओं पर भी मदद कर रहे हैं। महानगरों में कई कंपनियां इस कार्य को कर रही हैं। छोटे शहरों में भी आने वाले समय में इनकी अहम भूमिका होगी।