आज बूंदाबांदी के आसार, कल मौसम रहेगा साफ
दिसंबर की शुरुआत में ही सर्दी बढ़ने लगी है। लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी बादल छाये रहने का असर दिखा। पारा साढ़े पांच डिग्री तक नीचे आ गया।
जेएनएन, शाहजहांपुर : दिसंबर की शुरुआत में ही सर्दी बढ़ने लगी है। लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी बादल छाये रहने का असर दिखा। पारा साढ़े पांच डिग्री तक नीचे आ गया। मौसम विशेषज्ञों ने शनिवार से मौसम साफ होने की संभावना जतायी है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ज्यादा दिन धूप न निकली या सर्दी बढ़ी तो फसलों के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने पड़ सकते हैं। अब तक के अनुमान के मुताबिक शुक्रवार को भी बादल छाए रहेंगे, जिसके साथ ही बूंदाबांदी भी होगी।
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम अनुभाग के प्रभारी डा. रोवित कुमार ने बताया कि चौबीस घंटे में आंकड़े बदले हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को तापमान 27 डिग्री के आसपास रहने की संभावना थी, लेकिन अब यह 22.5 तक रह सकता है। हालांकि उसके बाद आठ दिसंबर तक यह 28 डिग्री के आसपास रहेगा। नौ दिसंबर से सर्दी बढ़ेगी। न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आएगी।
नवंबर में नहीं रही ज्यादा सर्दी
गन्ना शोध परिषद के मौसम अनुभाग के वैज्ञानिक डा. मनमोहन सिंह ने बताया कि नवंबर माह में इस बार ज्यादा सर्दी नहीं पड़ी। सामान्य तौर पर नवंबर में अधिकतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। जबकि न्यूनतम 14 से 18 डिग्री सेल्सियस। उन्होंने बताया कि इस बार भी पारा लगभग इसी स्तर पर रहा, लेकिन दिसंबर में जिस तरह से दो दिन मौसम रहा है, उससे अनुमान है कि यह महीना ज्यादा ठंडा रहा सकता है।
न्यूनतम पारा बढ़ा
गुरुवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा जो बुधवार के मुताबिक 6 डिग्री सेल्सियस से कम था। वहीं, न्यूनतम तापमान में चार डिग्री का उछाल रहा। यह 12.5 से बढ़कर 16.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। बादल छाए रहने के कारण आर्द्रता 90 रही। शहर के बाहरी क्षेत्रों में धुंध सी छायी रही, जिस कारण दृश्यता सामान्य दिनों से काफी कम रही।
जमाव हो सकता है लेट
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर डा. एनपी गुप्ता ने बताया कि अभी फसलों को विशेष नुकसान नहीं है। क्योंकि पाला नहीं गिर रहा है, लेकिन गेहूं की बोवाई पर असर पड़ सकता है। जमाव देर से होगा। इसलिए किसानों को कुछ दिन बोवाई के लिए रुकना होगा। अगर दो-तीन दिन में तापमान और नीचे आया तो फसल लेट हो सकती है। उन्होंने बताया कि सर्दी में पौधों में प्रजनन क्रियाएं धीमी हो जाती हैं। बढ़वार व जमाव पर इसका असर होता है। चना, लाही में भी यही दिक्कत हो सकती है।
तो करना होगा फसलों पर स्प्रे
डा. गुप्ता ने बताया कि तापमान बढ़ने के साथ ही बढ़वार तेज होगी। क्योंकि धूप से भोजन ज्यादा बनता है। ऐसे में बोवाई तेज करनी होगी। बादल छाये रहने व अधिक सर्दी से यह प्रकिया कमजोर पड़ जाती। अगर ज्यादा दिन यह स्थिति रही तो झुलसा लग सकता है। ऐसे में खाद आदि डालते रहना होगा। बोरान, सल्फर के स्प्रे, धुआं करने से पौधों को सर्दी से लड़ने में मदद मिलती है। वर्जन
सर्दी के मौसम में आमतौर पर लोग गर्म कपड़े तो पहनते हैं, लेकिन सिर व कान का ध्यान नहीं रखते हैं। जबकि ठंड का सबसे ज्यादा असर यहीं होता है। वहीं, ऐसे मौसम में वायरल संक्रमण की आशंका भी अधिक रहती है। अस्थमा व दिल के मरीज विशेष ध्यान रखें।
डा. एमएल अग्रवाल, वरिष्ठ फिजीशियन राजकीय मेडिकल कालेज
मौसम का पूर्वानुमान-----तापमान-----न्यूनतम तापमान-----आर्द्रता
तीन दिसंबर -----22.5-----13-----48
चार दिसंबर -----28-----12-----49
पांच दिसंबर -----28.2-----12-----51
छह दिसंबर -----28.5-----13-----58
सात दिसंबर-----27.8-----13-----59
आठ दिसंबर-----27.3-----11.3-----45
नौ दिसंबर-----25.5-----10.8-----44
दस दिसंबर-----25-----10.5-----47
11 दिसंबर-----24.8-----9-----42
12 दिसंबर-----24.8-----8.9-----40