कर्मचारी ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, छोड़ा सुसाइड नोट

सहकारी समिति के आंकिक ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 12:09 AM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 12:09 AM (IST)
कर्मचारी ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, छोड़ा सुसाइड नोट
कर्मचारी ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, छोड़ा सुसाइड नोट

जेएनएन, शाहजहांपुर : सहकारी समिति के आंकिक ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। उनकी जेब में सुसाइड नोट मिला है, जिसमें समिति के ही सचिव व एक अन्य पर सरकारी खजाने की बंदरबाट करने व उन्हें धमकाने का आरोप लगाया है। आत्महत्या के लिए दोनों को जिम्मेदार बताते हुए जान देने की बात कही है।

पीलीभीत के ललौरीखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव कल्याणपुर निवासी नरेश चंद्र गंगवार पुवायां तहसील की किसान सेवा सहकारी समिति दिउरिया गुटैया में आंकिक के पद पर तैनात थे। एक किसान के खेत में गलत एंट्री करने के मामले में उन्हें 26 दिसंबर 2018 को निलंबित कर दिया गया था। तब से काफी परेशान रहते थे। गुरुवार दोपहर वह शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। लगभग तीन बजे जैसे ही प्लेटफार्म पांच से सीतापुर जाने वाली पैंसेंजर ट्रेन छूटी नरेश उसकी सबसे आखिरी बोगी के नीचे कूद गए। नरेश को कूदता देख यात्रियों ने शोर मचाया। जीआरपी प्रभारी अर¨वद कुमार पांडेय भी पहुंच गए। बोगी के पहियों के नीचे आने से नरेश की मौत हो गई। तलाशी लेने पर पैंट की जेब से सुसाइड नोट व प्लेटफार्म का टिकट मिला। सुसाइड नोट पर लिखे फोन नंबर के आधार पर नरेश के बड़े भाई सुरेश को जानकारी दी।

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एसपी के नाम लिखा सुसाइड नोट

नरेश की जेब से जो सुसाइड नोट मिला है वह उन्होंने एसपी के नाम लिखा है। नरेश ने लिखा है कि समिति में किसानों को लगातार परेशान किया जा रहा है। जिस वजह से प्रार्थी इस कगार पर पहुंच गया है। आरोप लगाया कि समिति के सचिव हरिओम व रिटायर्ड आंकिक मिलकर सरकारी खजाने में जाने वाला संग्रह शुल्क अपनी जेबों में रख रहे हैं। मैंने घोटाले में साथ नहीं दिया तो डराया-धमकाया जा रहा था। नरेश ने सुसाइड नोट में दोनों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि सचिव व रिटायर्ड आंकिक पर धारा 302 में कार्रवाई की जाए।

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नरेश चंद्र ने जो भी आरोप लगाए है वह सरासर निराधार है। मेरी समिति में सभी काम सही से हो रहे हैं। जांच में सब सामने आ जाएगा।

हरिओम शुक्ल, सचिव ----

आंकिक की जेब जो सुसाइड नोट जेब से मिला था। उसकी एक कापी परिजनों को दे दी है। किसी ने अब तक तहरीर नहीं दी है।

अर¨वद कुमार पांडेय, जीआरपी प्रभारी शाहजहांपुर

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