भरत व केवट के त्याग से लें प्रेरणा : अतुल कृष्ण

खिरनीबाग स्थित जीआइसी खेल मैदान में चल रही रामकथा में कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने भरत व केवट के त्याग से प्रेरणा लेने को कहा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 11:40 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 11:40 PM (IST)
भरत व केवट के त्याग से लें प्रेरणा : अतुल कृष्ण
भरत व केवट के त्याग से लें प्रेरणा : अतुल कृष्ण

जेएनएन, शाहजहांपुर : धर्म जागरण समन्वय की ओर से खिरनीबाग स्थित जीआइसी खेल मैदान में चल रही रामकथा में कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने भरत व केवट के त्याग से प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि राम और भरत ने संपत्ति का बंटवारा नहीं बल्कि विपत्ति का बंटवारा किया था। कथा को सुनने प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा भी पहुंचे।

कथा व्यास ने कहा कि गंगा नदी पार करने के लिए भगवान केवट से मिले। भगवान को साक्षात सामने पाकर केवट ने अपनी व्यथा सुनाई। कहा कि जब तक आप मुझसे अपने चरण नहीं धुलवाएंगे तब तक नदी पार नहीं करवाऊंगा। विवश होकर केवट से चरण धुलवाने पड़े। इसके साथ ही केवट की समस्त पीढ़ी तर गई। उन्होंने कहा भरत प्रेम रूपी अमृत के सागर हैं। भगवान राम पर दृष्टिगत रहेंगे तो अनुभव करेंगे कि अपने जीवन में हमारा योगदान शून्य है। हम सभी को अपनी योग्यता बढ़ानी होगी। कथा में त्रिलोकी नाथ पांडेय, नवनीत पाठक, रमेश चंद्र सक्सेना, डॉ. वीपी सिंह, मनीष कालरा, सुधीर गुप्ता, सत्यदेव, महिमा शुक्ल, अमित भारद्वाज ने श्रीरामायण जी की आरती उतारी। वन मंत्री अनिल शर्मा के अलावा पूर्व मंत्री अवधेश वर्मा, अनिल बाजपेई, कुंवरपाल, डीपी सिंह, दीप मिश्र, प्रशांत बाजपेई, नरेंद्र मिश्र, सुनील कुमार गुप्ता, जेपी मिश्र, वेदप्रकाश मौर्य, ओंकार मनीषी, पुनीत मनीषी, रामबरन सिंह आदि मौजूद रहे।

रामकथा भी देती वन संपदा बचाने का संदेश

वन मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि रामकथा वन संपदा के संरक्षण का संदेश देती है। कहामुख्यमंत्री प्रदेश में पौधारोपण के लिए अभियान चला रहे हैं। यह अभियान गिनीज बुक में दर्ज हो चुका है।

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