Swami Chinmayanand Case : चिन्मयानंद की मांग, फिरौती वसूलने की धमकी के मामले में छात्रा सहित चार पर लगे गैंगस्टर एक्ट

स्वामी चिन्मयानंद की वकील पूजा सिंह ने शाहजहांपुर में कानून की छात्रा तथा उसके तीन दोस्तों के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक आवेदन दायर किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 11:31 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 11:32 AM (IST)
Swami Chinmayanand Case : चिन्मयानंद की मांग, फिरौती वसूलने की धमकी के मामले में छात्रा सहित चार पर लगे गैंगस्टर एक्ट
Swami Chinmayanand Case : चिन्मयानंद की मांग, फिरौती वसूलने की धमकी के मामले में छात्रा सहित चार पर लगे गैंगस्टर एक्ट

शाहजहांपुर, जेएनएन। लॉ की छात्रा से यौन शोषण तथा दुष्कर्म के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद अब छात्रा और उसके तीन दोस्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। स्वामी चिन्मयानंद की तरफ से उनकी वकील ने रंगदारी मांगने के मामले में चारों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की मांग की गई है।

स्वामी चिन्मयानंद की वकील पूजा सिंह ने शाहजहांपुर में कानून की  छात्रा तथा उसके तीन दोस्तों के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक आवेदन दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि छात्रा के पिता सहित चार आरोपियों के खिलाफ जबरन वसूली मामले में गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाना चाहिए।

चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की आरोपित छात्रा व तीनों युवकों पर गैंगस्टर लगाने के लिए सीजेएम ओमवीर सिंह कोर्ट में बहस हुई। दोनों पक्षों के वकीलों ने अपने तर्क रखे, जिन्हें सुनने के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया। चिन्मयानंद के वकील मनेंद्र सिंह व पूजा सिंह की ओर से सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई थी, जिसमें छात्रा व तीनों युवकों पर गैंगस्टर लगाने की मांग की गई थी। कल यानी सोमवार को दोपहर करीब ढाई बजे इस पर बहस हुई। मनेंद्र सिंह ने कहा कि छात्र व उसके साथियों ने गैंग बनाकर योजनापूर्वक रंगदारी की मांग की।

एसआइटी विवेचक ने रंगदारी मांगने व वीडियो वायरल के मामले में गैंगस्टर की धारा नहीं लगाई है। हाई कोर्ट इस मामले की मॉनीटरिंग कर रहा है। ऐसे में चारों आरोपितों पर गैंगस्टर की धारा लगायी जाना जरूरी है। छात्रा के अधिवक्ता कुलविंदर सिंह व युवकों के अधिवक्ता प्रमोद तिवारी ने इसका विरोध किया। दोनों ने कहा उन लोगों को पहले प्रार्थना पत्र की कॉपी उपलब्ध करायी जाए। कॉपी पढऩे के बाद दोनों वकीलों ने कहा कि गैंगस्टर लगाने का अधिकार संबंधित कोर्ट को नहीं है। अगर धाराएं बनती हैं तो शुरू में लगायी जानी चाहिए थीं।

वकीलों ने कहा कि एसआइटी के विवेचक ने ये धाराएं क्यों नहीं लगाईं। वादी पक्ष अपने साक्ष्य एसआइटी विवेचक को दे। अगर गैंगस्टर की रिपोर्ट होती है तो इसके लिए अलग कोर्ट निर्धारित है। इस पर सीजेएम ने फैसला सुरक्षित रख लिया। 

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