छह स्टाफ नर्स ने दिया त्यागपत्र

मेडिकल कॉलेज प्रशासन से प्रताड़ित होकर छह स्टाफ नर्स ने त्यागपत्र दे दिया है। देर शाम एसडीएम वेद सिंह चौहान व तिलहर पुलिस भी मेडिकल कॉलेज पहुंची। जहां करीब दो घंटे तक मेडिकल कॉलेज प्रशासन से वार्ता की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 11:49 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 11:49 PM (IST)
छह स्टाफ नर्स ने दिया त्यागपत्र
छह स्टाफ नर्स ने दिया त्यागपत्र

जेएनएन, बंथरा, शाहजहांपुर : मेडिकल कॉलेज प्रशासन से प्रताड़ित होकर छह स्टाफ नर्स ने त्यागपत्र दे दिया है। देर शाम एसडीएम वेद सिंह चौहान व तिलहर पुलिस भी मेडिकल कॉलेज पहुंची। जहां करीब दो घंटे तक मेडिकल कॉलेज प्रशासन से वार्ता की।

बंथरा स्थित वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज में तैनात लखीमपुर खीरी जिले के पलिया कला निवासी स्टाफ नर्स कल्पना श्रीवास्तव ने 11 अगस्त को हॉस्टल की पहली मंजिल से कूदकर जान देने की कोशिश की थी। उसने कूदने से पहले वीडियो वायरल किया था, जिसमें मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर कम सैलरी देने, जान से मारने की धमकी देने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद मेडिकल कॉलेज की करीब 17 स्टाफ नर्स ने न सिर्फ धरना प्रदर्शन किया बल्कि प्रताड़ित होकर नौकरी न करने की भी बात कही थी। गुरुवार को छह नर्सिंग स्टाफ अपना त्यागपत्र देकर घर चलीं गई। कई अन्य भी त्यागपत्र देने की बात कह रहे थे। वहीं, आरोप लगने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने गुरुवार को स्टाफ नर्सों को अनुभव प्रमाण पत्र व दो माह की सैलरी भी दे दी। वहीं, छह स्टार्फ नर्स सामान पैक करने के बाद जैसी ही हॉस्टल से बाहर आई उनके आंसू छलक पड़े। साथियों ने उन्हें ढंाढस बंधाया।

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नहीं की वार्ता

कल्पना के भाई सूरजपाल का ने बताया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उससे कोई बात नहीं की है। आरोप लगाया कि बुधवार को स्टाफ के माध्यम से ही दस लाख रुपये में समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन बहन को न्याय दिलाने की बात कहते हुए रुपये लेने से मना कर दिया। सूरजपाल गुरुवार दोपहर एक संगठन के माध्यम से डीएम से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचा। डीएम के न मिलने पर मेडिकल कॉलेज आ गया।

दूसरी जगह इलाज कराने के लिए नहीं है रुपये

सूरजपाल ने बताया कि जब कांग्रेस कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज आए थे तब पुलिस ने उसे बहन से मिलवाया था। सूरजपाल के मुताबिक बहन की हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। जबकि दूसरी जगह भर्ती कराने के लिए रुपये नहीं है। उन्होंने जिला प्रशासन से बेहतर इलाज की व्यवस्था कराने की मांग की।

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