शाहजहांपुर की मंडियों में पसरा सन्नाटा, पांच दिन में महज 48 क्विटल खरीद
धान की कटाई शुरू हो गई है। इसके साथ ही मंडियों में आढ़तों पर आवक तेज हो गई है। लेकिन क्रय केंद्रों पर सन्नाटा नहीं टूट रहा। पांच दिन में अब तक महज 48 क्विटल खरीद हो सकी है। वह भी बंडा ब्लाक में। खरीद न होने के पीछे दो दिन से इंटरनेट की दिक्कत का बहाना बनाया जा रहा है।
पुवायां (शाहजहांपुर), जेएनएन : धान की कटाई शुरू हो गई है। इसके साथ ही मंडियों में आढ़तों पर आवक तेज हो गई है। लेकिन, क्रय केंद्रों पर सन्नाटा नहीं टूट रहा। पांच दिन में अब तक महज 48 क्विटल खरीद हो सकी है। वह भी बंडा ब्लाक में। खरीद न होने के पीछे दो दिन से इंटरनेट की दिक्कत का बहाना बनाया जा रहा है। हालत यह कि एक अक्टूबर से शुरू हुई धान खरीद के लिए इस बार जिले में निर्धारित क्रय केंद्र तक नहीं खोले जा सके हैं।
मंडियों में सन्नाटा पसरा है। अफसरों की हीलाहवाली से किसानों में नाराजगी है। नगर स्थित मंडी के 16 क्रय केंद्रों पर खाता नहीं खुल सका है। केंद्र पर धान और प्रभारी नजर नहीं आ रहे हैं। सुजानपुर के किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि आढ़त पर एक हजार रुपये का रेट मिल रहा है। आनलाइन टोकन सिस्टम ने मुश्किल और बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि जिस केंद्र पर किसान एक बार तौल कराएगा। वहीं उसे दोबारा धान बेचना होगा। मुझे खरीद को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। व्यवस्थाएं दुरस्त रखने को संबंधित एजेंसियों के प्रभारियों से बात करेंगे। अभी यहां केंद्रों पर खरीद नहीं हुई है। गायब केंद्र प्रभारियों को नोटिस दिए जाएंगे।
सुमन भारती, मंडी सचिव -----------------
फोटो 5 एसएचएन : 13
बंडा : जिले में मंडी उपसमिति में धान खरीद का खाता खुल पाया है। यहां 48 क्विटल खरीद हुई है। जबकि आवक 500 क्विटल से ज्यादा है। मंडी परिसर में 16 क्रय केंद्र लगे हैं। यहां भी किसानों को धान में मानक से अधिक नमी व इंटरनेट की दिक्कत बतायी जा रही है। मंगलवार को क्रय केंद्रों पर बैनर ही टंगे थे। केंद्र प्रभारियों का कुछ पता नहीं था। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी हनुमान प्रसाद ने बताया कि इंटरनेट न चलने से दो दिन टोकन जारी नहीं हो सके। संसू, खुटार : क्षेत्र में निर्धारित स्थानों पर क्रय केंद्र न मिलने से किसान परेशान हैं। अगर मिल भी गए तो कोई न कोई बहाना बनाकर वापस भेज रहे हैं। इससे धान को आढ़तों पर बेचना शुरू कर दिया है। किसानों की माने तो इस बार 1200 तक का रेट मिल रहा है। बेमौसम बारिश में पहले ही फसल का नुकसान हो चुका है। सरकारी रेट पर खरीद न होने से दिक्कत है। फोटो 5 एसएचएन : 14
किसानों के साथ यह नया नहीं है। धान हो या गेहूं हर बार यही होता है। जिसकी फसल समर्थन मूल्य पर क्रय केंद्र पर बिक जाए बड़ी बात है।
प्रभजोत सिंह किसान नेता फोटो 5 एसएचएन : 15
शासन के आदेश कुछ और होते है। धरातल पर होता कुछ और है। इन्ही कारणों से किसान आंदोलन के लिए बाध्य होता है।
रामशंकर मिश्र, ब्लक अध्यक्ष राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ फैक्ट फाइल
- 126 क्रय केंद्र बने अब तक
- 170 क्रय केंद्र का है लक्ष्य
- 46.81 लाख क्विटल होगी खरीद
- 17 फीसद नमी के साथ होगी धान खरीद अगर किसान बिचौलिए को सस्ते रेट पर धान बेच रहा है तो हम क्या कर सकते हैं। किसी का शोषण न हो इसलिए टोकन की व्यवस्था शुरू की है। किसान इसे स्वयं जेनरेट कर सकता है। इंटरनेट न चलने के कारण दो दिन से दिक्कत हुई है।
कुमार कमलेश पांडेय, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी