द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी वाहिद अली का इंतकाल
द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक सैयद वाहिद अली नहीं रहे। शनिवार अपराह्न 105 वर्ष की उम्र में उनका इंतकाल हो गया। वाहिद अली अपने पीछे चार पुत्र व चार बेटियों का परिवार छोड़ गए हैं। रविवार को कस्बा के आतिशबाजान से उनका जनाजा उठेगा।
जेएनएन, मीरानपुर कटरा, शाहजहांपुर : द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक सैयद वाहिद अली नहीं रहे। शनिवार अपराह्न 105 वर्ष की उम्र में उनका इंतकाल हो गया। वाहिद अली अपने पीछे चार पुत्र व चार बेटियों का परिवार छोड़ गए हैं। रविवार को कस्बा के आतिशबाजान से उनका जनाजा उठेगा।
अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल व अशफाक उल्ला खां तथा नेता जी सुभाष चंद्र बोस को अपना आदर्श मानने वाले वाहिद अली 1943 में सेना मे भर्ती हुए थे। 1944 से 45 तक द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हुए। 17 जुलाई 1947 को सेवानिवृत्त होकर घर आ गए। 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने पर वाहिद अली ने जश्न मनाया था। प्रतिवर्ष स्वतंत्रा दिवस पर गणतंत्र दिवस पर वाहिद अली अपने संस्मरण साझा करते थे। पूर्व सैनिक कल्याण समिति के संरक्षक ग्रुप कैप्टन पीके गुप्ता, अध्यक्ष एमएन वर्मा ने वाहिद अली के निधन पर गहरा दुख जताया है।
बेटे का साथ छोड़ा, वतन की माटी का नहीं
वाहिद अली के बड़े बेटे इंतेजार अली विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए। वह वाहिद अली को साथ ले जाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। कहा कि जिस देश की मिट्टी में पैदा हुए उसी में दफन होना खुशकिस्मती समझेंगे।