शाहजहांपुर में 15.77 लाख के फर्जी भुगतान में ब्लाक प्रमुख समेत 10 पर रिपोर्ट

नगर पंचायत बन चुकी रफियाबाद कलान ग्राम पंचायत के खाते से 15.77 लाख रुपये के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। शासन की जांच में पुष्टि होने के बाद जिला पंचायती राज अधिकारी पवन कुमार ने कलान की ब्लाक प्रमुख रुचि वर्मा व उनके पति समेत 10 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:52 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:52 PM (IST)
शाहजहांपुर में 15.77 लाख के फर्जी भुगतान में ब्लाक प्रमुख समेत 10 पर रिपोर्ट
शाहजहांपुर में 15.77 लाख के फर्जी भुगतान में ब्लाक प्रमुख समेत 10 पर रिपोर्ट

जेएनएन, शाहजहांपुर : नगर पंचायत बन चुकी रफियाबाद कलान ग्राम पंचायत के खाते से 15.77 लाख रुपये के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। शासन की जांच में पुष्टि होने के बाद जिला पंचायती राज अधिकारी पवन कुमार ने कलान की ब्लाक प्रमुख रुचि वर्मा व उनके पति समेत 10 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

भारत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने 25 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री को डाक से पत्र भेजकर शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने कलान ब्लाक की ग्राम पंचायत रफियाबाद कलान के ग्राम निधि खाते में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। अजीत का आरोप था कि नवंबर 2020 में नगर पंचायत घोषित की जा चुकी रफियाबाद कलान पंचायत के ग्राम निधि खाते में पूर्व से अवशेष धनराशि पड़ी हुई थी। 11 और 12 अगस्त 2021 को ई-स्वराज पोर्टल के जरिए इस खाते में से 15 लाख 77 हजार 963 रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिए गए। उन्होंने पंचायती राज निदेशक से मिलकर उन्हें भी पूरा मामला बताया था। जिस पर उन्होंने उप निदेशक पंचायतीराज देवीपाटन मंडल आरएस चौधरी को जांच सौंपी। 15 सितंबर को चौधरी ने अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपी, जिसमें उन्होंने गड़बड़ी की पुष्टि की। बताया ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर चेकर के रूप में ब्लाक प्रमुख रुचि वर्मा के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) प्रयोग करके तथा मेकर के रूप में निलंबित ग्राम पंचायत अधिकारी अरुण कुमार निगम के डोंगल का प्रयोग इस गड़बड़ी में किया गया। कलान ब्लाक में पूर्व में तैनात सहायक विकास अधिकारी पंचायत धनराज पटेल के डीएससी का भी प्रयोग पाया गया। जिसके आधार पर डीपीआरओ ने रुचि वर्मा, उनके पति राहुल वर्मा, अरुण निगम, धनराज पटेल, एडीपीएम देवीलाल मौर्य, कम्प्यूटर आपरेटर केशरीनंदन, पंकज गुप्ता, संजीव कुमार, राहुल वर्मा, गुड्डू, पीयूष गुप्ता को नामजद किया गया है।

जांच में धनराशि सात फर्मो को स्थानांतरित मिली। 11 अगस्त को त्रिरुपति कंस्ट्रक्सन को 4 लाख 98 हजार 582, शाक्य बिल्डिग मैटेरियल को 4 लाख 8 हजार 553, राहुल वर्मा को 91 हजार 5 रुपये का भुगतान भेजा गया। शाक्य बिल्डिग मैटेरियल को 12 अगस्त को 27 लाख 87 हजार 76, गुड्डू को 96 हजार 674, त्रिरुपति कंस्ट्रक्सन को 1 लाख 23 हजार 825, शंकर मशीनरी को 81 हजार 248 दिए गए। जांच में अपर परियोजना प्रबंधक (एडीपीएम) देवीलाल मौर्य व स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ब्लाक में तैनात कम्प्यूटर आपरेटर केशरीनंदन की संलिप्तता मानी गई। संदिग्ध पाई गई भूमिका

उप निदेशक ने डीपीआरओ कार्यालय में तैनात स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लेखाकार दीपक कुमार राव, राहुल वर्मा, त्रिरुपति कन्स्ट्रक्सन के पंकज गुप्ता व कलान के सहायक विकास अधिकारी पंचायत प्रेमसागर यादव की भूमिका संदिग्ध पाई है। उन्होंने जांच में कहा कि तिरुपति कंस्ट्रक्शन के प्रो. पंकज गुप्ता, शाक्य बिल्डिग मैटेरियल के प्रो. संजीव कुमार, राहुल वर्मा, शंकर मशीनरी स्टोर के प्रो. पीयूष गुप्ता, व गुड्डू के खाते में धनराशि दुरभिसंधि करके गबन के उद्देश्य से अनियमित रूप से भेजे जाने की पुष्टि हुयी है। जिसके लिए रुचि वर्मा, धनराज पटेल व अरुण कुमार निगम की डीएससी का प्रयोग किया गया है। शासन के आदेश पर उपनिदेशक पंचायतीराज ने जांच की थी। जिसके आधार पर डीपीआरओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें सख्त कार्रवाई होगी।

श्याम बहादुर सिंह, सीडीओ

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