स्वाइन फ्लू से निपटेगी रैपिड रेस्पांस टीम
तापमान में हो रहे उतार चढ़ाव के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा मंडराने लगा है।
शाहजहांपुर : तापमान में हो रहे उतार चढ़ाव के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा मंडराने लगा है, जिसको देखते हुए जिला स्तर पर टास्क फोर्स व रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। जिला अस्पताल में इसके वायरस इन्फलुएन्जा एच-वन एन-वन के फैलने पर अलग से वार्ड बनाने के निर्देश दिये गये हैं। ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसमें किसी तरह की लापरवाही न हो इसके लिए डीएम को टास्क फोर्स की अध्यक्षता सौंपी गई है। शासन स्तर पर सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया है जिसमें निदेशक चिकित्सा शिक्षा, निदेशक पशुपालन, निदेशक संचार रोग, महानिदेशक चिकित्सा उपचार को भी शामिल किया गया है। यह टीम जिलों की टास्क फोर्स व रैपिड रेस्पांस टीम पर नजर रखेगी। टास्क फोर्स तब तक सक्रिय रहेंगी जब तक वायरस सक्रिय रहेगा। इस रोग से सम्बंधित सूचना व आंकड़े भी राज्य स्तरीय टीम को भेजे जाएंगे।
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दस बेड का बनाया जाएगा वार्ड
जिला स्तर पर गठित रैपिड रेस्पांस टीम में एक तकनीशियन, पैथॉलाजिस्ट, तकनीशियन, माइक्रोबायोलॉजिस्ट शामिल रहेंगे। पशु चिकित्सक को भी टीम का हिस्सा बनाया गया हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए 10 बेड का अलग स्वाइन फ्लू वार्ड तैयार करने के लिए कहा गया है।
तीन श्रेणी के होते मरीज
पहली श्रेणी में सामान्य बुखार, खांसी, सिर दर्द के रोगी होते हैं। ऐसे मरीजों को घरों में रुकने और अन्य लोगों के संपर्क से बचना चाहिये।
- विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों से क्योंकि उन्हें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता हैं।
- दूसरी श्रेणी में मरी•ा अगर तेज बुखार व गले में गंभीर खांसी से पीड़ित हैं तो ऐसे मरीज को खुद को लोगों से अलग करना चाहिए।
- तीसरी श्रेणी में मरीज को सांस लेने में तकलीफ, छाती के दर्द की शिकायत हो तो पैथालॉजी में जांच कराकर इला•ा करवाना चाहिए।
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संक्रमण से बचने के लिए उपाय
- छींकते व खांसते समय चेहरे को ढकना चाहिए, ताकि दूसरे लोग संक्रमित न हों।
- लोगों से बात करते समय कम से कम एक हाथ की दूरी बनाए रखें
- ताकि थूक आदि के कण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक न पहुंचे ।
- लोगों से हाथ मिलाने के बाद व भोजन खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोयें।
- घनी आबादी वाले स्थानों, मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।