तीन थानों की फोर्स लेकर दबिश, पांच मिनट में वापस

नशीले इंजेक्शन व दवाएं बेचने के आरोपित भाजपा नेता के बेटे के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन अब उसे पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 12:07 AM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 06:04 AM (IST)
तीन थानों की फोर्स लेकर दबिश, पांच मिनट में वापस
तीन थानों की फोर्स लेकर दबिश, पांच मिनट में वापस

जेएनएन, कलान, शाहजहांपुर :नशीले इंजेक्शन व दवाएं बेचने के आरोपित भाजपा नेता के बेटे के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब उसे पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। लगातार हो रही किरकिरी के बाद अधिकारियों के निर्देश पर सीओ जलालाबाद ने तीन थानों की फोर्स के साथ भाजपा नेता के घर दबिश तो दी, लेकिन वहां महिलाओं से आरोपित के बारे में पूछताछ कर पांच मिनट में वापस हो लिए।

20 नवंबर को कलान कस्बा निवासी भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री संजीव गुप्ता के बेटे प्रिस गुप्ता के मेडिकल स्टोर पर ड्रग कमिश्नर संजय कुमार ने छापेमारी कर बड़ी तादाद में नकली दवा व इंजेक्शन बरामद किये थे। पुलिस ने नौकर राम सिंह को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने इस मामले में प्रिस गुप्ता व नौकर राम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। गुरुवार को पुलिस ने राम सिंह को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था, लेकिन प्रिस को नहीं पकड़ा था। शुक्रवार दोपहर अधिकारियों के निर्देश मिलने पर सीओ जलालाबाद ब्रह्मपाल सिंह कलान थाने पहुंचे। वहां सर्किल थानों से पुलिस फोर्स लेकर भाजपा नेता के घर दबिश देने पहुंच गए। लेकिन घर पर प्रिस गुप्ता नहीं मिला। पुलिस महिलाओं से पूछताछ कर वापस चली गई।

भाजपा नेता के बेटे को गिरफ्तार करने के लिए सीओ ब्रह्मपाल सिंह ने कलान थाने के अलावा परौर व मिर्जापुर थाने का फोर्स भी बुलाया था। वापसी में सीओ कलान थाने में काफी देर तक बैठकर देर मिर्जापुर थाना प्रभारी सुधाकर पांडेय, परौर के प्रभारी निरीक्षक चंद्र प्रकाश शुक्ला व कलान के कार्यवाहक थानाध्यक्ष ब्रहम प्रकाश के साथ मंत्रणा करते रहे।

दबिश के बाद थाने पहुंचा भाई

प्रिस गुप्ता के भाई विनोद गुप्ता भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक हैं। पुलिस की दबिश के बाद विनोद गुप्ता थाने पहुंचे। उन्होंने सीओ से इस बारे में काफी देर तक बात की। उसके बाद वापस चले गए।

बताया जा रहा है कि प्रिस गुप्ता की पत्नी घर पर ही है। जब पुलिस गई तो कोई पुरुष सदस्य नहीं मिला था। छापेमारी की किसी को नहीं लगी थी भनक

20 नवंबर को जब ड्रग कमिश्नर संजय कुमार ने प्रिस गुप्ता के मेडिकल स्टोर पर छापेमारी करने की रणनीति बनाई तो जिले के किसी भी अधिकारी व पुलिसकर्मी को इसकी जानकारी नहीं थी।

स्टेशन व रोडवेज के आस पास बेची जाती थीं दवाएं व इंजेक्शन

मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित दवाएं व नशीले इंजेक्शन ले जाकर ज्यादातर रेलवे स्टेशन व रोडवेज के आसपास बेचने का काम किया जाता था। 20 अक्टूबर को भी बरेली स्टेशन से ही जीआरपी ने दो आरोपितों को प्रतिबंधित दवाओं व इंजेक्शन के साथ गिफ्तार किया था। प्रिस गुप्ता को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में सर्किल के सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं।

ब्रह्मपाल सिंह, सीओ

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