डाकिए देंगे पेंशनरों के जीवित होने का प्रमाण

पेंशनर को हर साल जीवित प्रमाण पत्र बनवाकर पेंशनर कार्यालय में जमा करना पड़ता है। ताकि उनकी पेंशन खाते में पहुंचती रहे लेकिन बीमार होने या फिर चलने फिरने में असमर्थ बुजुर्गों के लिए यह प्रक्रिया पूरी कराना मुश्किल हो जाता है। अब डाकिये घर बैठे उनका प्रमाण पत्र बनाकर ऑनलाइन संबंधित बैंक व विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर देंगे। यह व्यवस्था जिले में इसी माह से शुरू हो जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:50 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:50 AM (IST)
डाकिए देंगे पेंशनरों के जीवित होने का प्रमाण
डाकिए देंगे पेंशनरों के जीवित होने का प्रमाण

जेएनएन, शाहजहांपुर : पेंशनर को हर साल जीवित प्रमाण पत्र बनवाकर पेंशनर कार्यालय में जमा करना पड़ता है। ताकि उनकी पेंशन खाते में पहुंचती रहे, लेकिन बीमार होने या फिर चलने फिरने में असमर्थ बुजुर्गों के लिए यह प्रक्रिया पूरी कराना मुश्किल हो जाता है। अब डाकिये घर बैठे उनका प्रमाण पत्र बनाकर ऑनलाइन संबंधित बैंक व विभाग के पोर्टल पर अपलोड कर देंगे। यह व्यवस्था जिले में इसी माह से शुरू हो जाएगी।

ऐसा बनेगा प्रमाण पत्र

पेंशनर को अपना आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाता नंबर व पीपीओ नंबर देना पड़ेगा। डाकिये अपने पास मौजूद एप के माध्यम से उसे फीड करेंगे। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीवित प्रमाण पत्र अपलोड कर दिया जाएगा।

इन पर रहेगी जिम्मेदारी

जिले भर में 12000 पेंशनर हैं। जिनके जीवन प्रमाण पत्र की जिम्मेदारी शहर में 12 पोस्टमैन को सौंपी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 246 शाखा डाकपाल व सहायक डाकपाल पर रहेगी।

रुकेगी गड़बड़ी

अभी तक डॉक्टर के माध्यम से जीवित प्रमाण पत्र बनते थे, लोग साठगांठ कर पेंशनर के मरने के बाद भी पेंशन का लाभ लेते थे, लेकिन आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के तहत जीवित प्रमाण पत्र बनने से यह गड़बड़ी भी बंद हो जाएगी।

वर्जन

घर बैठे जीवन प्रमाण पत्र इसी माह से बनने शुरू हो रहे हैं। डाक विभाग की इस पहल से बुजुर्गों को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि किसी को दिक्कत हो तो सीधे प्रधान डाकघर में भी संपर्क कर सकता है।

अरुण प्रताप सिंह, पोस्टमास्टर प्रधान, डाकघर

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