मददगार बनी खाकी, बदली लोगों की सोच
कोरोना काल में जब सिस्टम लड़खड़ाया तो प्रशासन व पुलिस आगे आई। रात दिन डयूटी लोगों की मदद की। किसी ने जरूरतमंदों के लिए भोजन बनाया तो तो कोई खून देने पहुंच गया। अगर धन की कमी सामने आई तो अपनी तनख्वाह खर्च कर दी। लाकडाउन के दौरान ऐसी कई तस्वीरें सामने आती रहीं।
अजयवीर सिंह, शाहजहांपुर :
कोरोना काल में जब सिस्टम लड़खड़ाया तो प्रशासन व पुलिस आगे आई। रात दिन डयूटी लोगों की मदद की। किसी ने जरूरतमंदों के लिए भोजन बनाया तो तो कोई खून देने पहुंच गया। अगर धन की कमी सामने आई तो अपनी तनख्वाह खर्च कर दी। लाकडाउन के दौरान ऐसी कई तस्वीरें सामने आती रहीं।
जलालाबाद के प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह लाकडाउन के दौरान पुवायां में तैनात थे। उन्होंने बाहर से आ रहे प्रवासियों की मदद के लिए अपना वेतन दान दे दिया। अपील की तो थाने में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ प्रशासन के फंड में वेतन दिया, बल्कि जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, दवा आदि सामान मुहैया कराया।
खून देने में भी आगे रहे पुलिसकर्मी
कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पतालों में ओपीडी बंद थी। लोग अपनों की मदद से भी घबरा रहे थे। सबसे ज्यादा दिक्कत ब्लड बैंक में आ रही थी। रक्तदाताओं की कमी के कारण जरूरतमंद मरीजों को खून मुश्किल से मिल पा रहा था। यहां भी पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। एसपी के पीआरओ नीरज कुमार, हथौड़ा चौकी प्रभारी अनित कुमार, यश कुमार, सदर थाने के कांस्टेबल अभिषेक सिंह समेत करीब 15 पुलिसकर्मियों ने लोगों को खून देकर उनकी जान बचाई।
वर्दी पहन बने रसोइया
तिलहर थाने में तैनात दारोगा पवन पांडेय ने मार्च और अप्रैल में प्रवासियों को पैदल आते देखा। कई किमी चलकर थक चुके इन लोगों के लिए नगरिया मोड़ चौकी पर साथी पुलिसकर्मियों की मदद से कई दिनों तक स्वयं ही भोजन बनाया था। इसके अलाव महिला थाने में भी पुलिसकर्मियों ने कई दिनों तक कानून व्यवस्था संभालने के साथ-साथ स्वयं की सेलरी से जरूरतमंदों के लिए भोजन बनाया।
पिता ने किया इन्कार तो खाकी ने बचाई जान
अगस्त 2020 यानी कोरोना संक्रमण चरम पर था तो अल्हागंज थाना क्षेत्र एक मुहल्ले में सविता नाम की किशोरी बीमार हो गई थी। खून की कमी होने पर जब डॉक्टर ने उसके पिता से खून देने के लिए कहा तो वह भाग गया। ऐसे में थाने में तैनात कांस्टेबल राशिद हुसैन ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए अस्पताल जाकर खून दिया था।
बुजुर्ग की जान बचाने को आग से खेल गई खाकी
आग बुझाने पर लोग दमकल को बुलाते है। लेकिन 13 दिसंबर 2020 को तिलहर के बहादुरगंज मुहल्ले में बुजुर्ग रामसनेही के घर में गैस सिलिडर में आग लग गई थी। सूचना पर पहुंचे दारोगा पवन पांडेय व कांस्टेबल रूपेंद्र चौधरी ने खुद की परवाह किए बिना न जलता हुआ सिलिडर घर से बाहर खींच लाए थे। जिस वजह से बुजुर्ग की जान बच सकी थी। जब यह दृश्य देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद थी लेकिन किसी की हिम्मत मकान में जाने की नहीं पड़ी।