आंचल छुड़ाकर न जाओ मां, चमन में चहकेगी बिटिया तुम्हारी

मेरा हर कतरा तुम्हारा अंश मेरी मेरी सांस तुम्हारी धड़कन से जुड़ी थी। तुम्हारी मर्जी से ही तो मैं इस दुनिया में आई। आंचल ना छुड़ाओ सीने से लगा लो मां। बिटिया हूं तो क्या..। तुम्हारे चमन में महकूंगी- चहकूंगी घर की शान बनूंगी। बेटा-बेटी के अंतर वाली जो कसर है उसे पक्का दूर करुंगी। मेरी तो उम्र महज एक दिन है मगर तुमने तो आसमान तक चमकती बेटियां देखी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:40 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:40 AM (IST)
आंचल छुड़ाकर न जाओ मां, चमन में चहकेगी बिटिया तुम्हारी
आंचल छुड़ाकर न जाओ मां, चमन में चहकेगी बिटिया तुम्हारी

जेएनएन, शाहजहांपुर: मेरा हर कतरा तुम्हारा अंश, मेरी मेरी सांस तुम्हारी धड़कन से जुड़ी थी। तुम्हारी मर्जी से ही तो मैं इस दुनिया में आई। आंचल ना छुड़ाओ, सीने से लगा लो मां। बिटिया हूं तो क्या..। तुम्हारे चमन में महकूंगी- चहकूंगी, घर की शान बनूंगी। बेटा-बेटी के अंतर वाली जो कसर है, उसे पक्का दूर करुंगी। मेरी तो उम्र महज एक दिन है, मगर तुमने तो आसमान तक चमकती बेटियां देखी हैं।

नौ महीने गर्भ में रही। रविवार को इंतजार पूरा हुआ कि दुनिया में आंखें खोलूंगी। रात को जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थीं तो जितना तुम घबराई थीं, मैं भी उतना ही रो रही थी। तुम्हारे दर्द में सिर्फ मैं ही साझेदार थी। नर्स ने जब मुझे तुम्हारी गोद में दिया तो लगा कि पूरा संसार यहीं है। तुमने बिस्तर पर लिटा दिया, छोड़कर चली गई। इससे पहले सोच लेतीं कि जिसे दुनिया में लेकर आई हो, उसे सांसें कौन देगा। खैर, अब मैं अपने आंगन में आ गई हूं। तुम्हारी बिटिया बोझ नहीं, शान बनेगी।

यह था मामला

तिलहर चीनी मिल में दैनिक भुगतान पर कार्यरत कर्मचारी की दो बेटियां हैं। रविवार को उन्होंने पत्‍‌नी को अस्पताल में भर्ती कराया, वहां सामान्य प्रसव के बाद तीसरी बेटी ने जन्म लिया। नवजात को बिस्तर पर छोड़कर रात में ही दंपती वहां से चुपचाप चले गए।

पिता का जवाब सुन नर्स हैरान

कुछ देर बाद अस्पताल स्टाफ वार्ड में गया तो देखा कि नवजात बिस्तर पर लेटी है, मगर प्रसूता नहीं है। काफी देर तलाशने के बाद भी दंपती नहीं मिले तो भर्ती रिकार्ड से उनका पता और फोन नंबर निकाला गया। नर्स ने बच्ची के पिता को फोन किया तो कहने लगे कि मेरे दो बेटियां हैं। यह बच्ची किसी निसंतान दंपती को दे देना। जवाब से हैरान नर्स ने मिल के कार्यवाहक प्रधान प्रबंधक एवं चीफ केमिस्ट एके श्रीवास्तव को इस बारे में बताया।

बाद में कहा, भूल से छूट गई बच्ची

एके श्रीवास्तव ने बच्ची के पिता को बुलाकर समझाया। कहा कि यह अमानवीय हरकत है। जेल भिजवाने की चेतावनी दी। जिसके बाद दंपती अपनी बेटी को लेकर घर वापस आए। प्रभारी प्रधान प्रबंधक ने दंपती को चेताया कि अगर बच्ची के साथ कोई गलत व्यवहार किया तो सख्त कार्रवाई कराएंगे। हालांकि बाद में दंपती ने अस्पताल स्टाफ से कहा कि बच्ची भूलवश अस्पताल में छूट गई थी। उसका सही से पालन करेंगे।

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