हुलास नगरा रेलवे क्रासिग पर अब छह माह और दिक्कत

जेएनएन शाहजहांपुर दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हुलासनगरा क्रासिग पर रेलवे ओवर ब्रिज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 03:13 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 03:13 AM (IST)
हुलास नगरा रेलवे क्रासिग पर अब छह माह और दिक्कत
हुलास नगरा रेलवे क्रासिग पर अब छह माह और दिक्कत

जेएनएन, शाहजहांपुर : दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हुलासनगरा क्रासिग पर रेलवे ओवर ब्रिज के लिए नए गर्डर गढ़े जाऐं। आइआइटी बीएचयू की जांच में रिजेक्ट गार्डर को काटा जाने (रिज्वाइंट) लगा है। नतीजतन पहले से ही करीब सात साल लेट हुए पुल का निर्माण करीब छह माह और लंबा खिच जाएगा।

दशक पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण ने दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के फोरलेन चौड़ीकरण का कार्य शुरु किया था। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न किए जाने पर कार्यदायी संस्था एरा कंपनी को डिफाल्टर घोषित कर दिया गया। एनएचएआइ ने 11 अगस्त 2020 से पीआरएल कंपनी को शेष एनएचएआइ चौड़ीकरण के साथ हुलासनगरा रेलवे क्रासिग के रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण का कार्य सौंपा। नई कंपनी ने तेजी से कार्य शुरू किया। लेकिन इसी बीच पुल निर्माण के लिए प्रयोग किए जाने पर 53 मीटर लंबे पांच गार्डर आइआइटी बीएचयू की जांच में रिजेक्ट कर दिए गए। आइआइटी की जांच रिपोर्ट मिलने पर रेलवे ने भी एनएचएआइ अधिकारियों को पत्र लिखकर गार्डर निरस्त की सूचना के साथ गुणवत्तायुक्त गर्डर प्रयोग किए जाने की अपेक्षा की। गार्डर निरस्त हो जाने से पुल निर्माण का कार्य भी अधर में लटक गया है। एनएचएआइ व रेलवे के समन्व्य से कार्यदायी संस्था बनाएगी पुल

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण, रेलवे तथा कार्यदायी संस्था पीआरएल के अधिकारी गार्डर निरस्त होने के बाद नए सिरे से तैयारी मे जुटेंगे। इसके लिए वर्चुअल बैठक का सिलसिला शरू हो गया है। डिजाइन के अनरूप में नए गार्डर तैयार होंगे या फिर डिजाइन में बदलावा किया जाएगा, इस विषय पर अभी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मामला तकनीकी है, इसलिए कुछ बोल नहीं सकता

कार्यदायी संस्था पीआरएल के प्रोजेक्ट प्रभारी संजय सिंह ने गार्डर निरस्त होने के प्रकरण में कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया। कहा कि मामला टेक्नीकल है। इसलिए वह कुछ नहीं कह सकते है। पुरानी डिलाइन में स्टील के गार्डर पर पुल प्रस्तावित है। गुणवत्ता घटिया पाए जाए गए गार्डर निरस्त होने के बाद निर्माण कैसे होगा, इस पर बातचीत जारी है।

अटसलिया रेलवे ओवर ब्रिज में जमीन का फंसा पेंच

हुलास नगरा की तरह ही अटसलिया रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण भी अधर में है। यहां जमीन की कीमत को लेकर विवाद है। दरअसल रेलवे की जमीन से होकर फोरलेन व आरओबी पास हो रहा है। रेलवे वाणिज्यिक दरों पर जमीन देना चाहता है, जबकि एनएचएआइ सामान्य कीमत देने को तैयार है। मामला राजस्व परिषद तथा रेलवे के मध्य है। इस कारण निर्माण कार्य भी धीमी गति से चल रहा है। एक माह में पूरा हो जाएगा एनएचएआइ का बरेली मोड़ ओवर ब्रिज

एनएचएआई के बरेली मोड़ ओवरब्रिज का निर्माण कार्य एक माह में पूरा हो जाएगा। इसके लिए तेजी से कार्य भी चल रहा है। गत माह प्रशासन के साथ बैठक में एनएचएआई अधिकारियों ने प्रगति से अवगत कराया।

दिल्ली लखनऊ राजमार्ग 24 पर हुलास नगरा रेलवे क्रासिग निर्माण को लेकर शासन स्तर से भी पत्राचार किया जा चुका है। पुल निर्माण के लिए पूर्व में रखे गार्डर जांच में रिजेक्ट कर दिए जाने से अब निर्माण छह माह लंबा खिच सकता है। बरेल मोड़ ओवर ब्रिज अगले माह से शुरू हो जाएगा। अटसलिया में जमीन की कीमत को लेकर रेलवे से बातचीत की जा रही है। जल्द ही समाधान निकालकर पुल निर्माण तेज करा दिया जाएगा।

इंद्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी

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